Mahoba: महोबा जनपद के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को डीबीटी का लाभ दिलाने में फिसड्डी रहने वाले प्रधानाध्यापकों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। जनपद के 83 प्रधानाध्यापक को इस बाबत नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें 72 प्रधानाध्यापकों के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक भी लगाई गई है।
सरकारी शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही
आपको बता दें कि जनपद में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर लापरवाही सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है। जनपद में डीबीटी की धीमी प्रगति पर लापरवाह प्रधानाध्यापकों पर कार्यवाही की जा रही है। जनपद कर ब्लॉक कबरई के 72 प्रधानाध्यापकों के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है। वहीं ब्लॉक चरखारी के 11 प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर शत-प्रतिशत प्रगति के निर्देश दिए गए हैं। जनपद में बेसिक शिक्षा परिषद के 848 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। इनमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से 1,200 रुपये की धनराशि ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, कापियां, बस्ता खरीदने के लिए भेजी जाती है।
आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया चल रही
इसके लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक कक्षावार डाटा ऑनलाइन फीड करते हैं और आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया डीबीटी एप पर पूरी करते हैं। जिन बच्चों का आधार प्रमाणीकरण माह जून तक हो गया था. उनके अभिभावकों के खातों में पहले चरण में ही धनराशि भेजी जा चुकी है। शेष छूटे बच्चों व माह जुलाई में प्रवेश लेने वाले बच्चों के आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कुछ प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक इस कार्य में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे जिले की रैंकिंग पिछड़ रही है।
इससे बच्चे लाभ पाने से वंचित हैं। डीबीटी की धीमी गति पर बीएसए राहुल मिश्रा ने नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि महानिदेशक ने खराब प्रगति पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजने के लिए की जा रही डीबीटी प्रक्रिया की रैंकिंग में महोबा जिले को 60वां स्थान मिला है।
Read More: Bangladesh तख्तापलट पर रही दुनिया की नजर,उधर Iran ने एक दिन में 29 लोगों को दी फांसी की सजा
81 हजार 380 बच्चों का नामांकन
महोबा जिले में अब तक कुल 81 हजार 380 बच्चों का नामांकन है। इसमें से 588 बच्चों के आधार प्रमाणित नहीं हो सके हैं जबकि 2,204 बच्चों के पास आधारकार्ड ही नहीं है। 1,424 बैंक खाते आधार सीडेड न होने से डीबीटी का लाभ नहीं मिल सका है जबकि 6,645 बच्चों का डाटा विद्यालय स्तर से बीईओ को नहीं भेजा गया। 667 बच्चों का डाटा बीईओ ने बीएसए को नहीं भेजा है। इस तरह से विभिन्न स्तरों पर चल रही लापरवाही और परेशानियों के चलते जिले के 11 हजार 831 बच्चे डीबीटी के लाभ से वंचित हैं।
कबरई ब्लॉक के बीईओ अवनीश यादव ने सबसे कम प्रगति वाले 72 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, ब्लॉक चरखारी में डीबीटी कार्य में पिछड़ रहे 11 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर कार्य दो दिनों में पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं, बच्चों की शिक्षा में इस बड़ी लापरवाही पर जांच की शुरुआत से लापरवाही कर रहे प्रधानाध्यापको में हड़कंप मचा है।
Read More: Waqf Board Amendment Bill: संसद में जोरदार हंगामा, अखिलेश यादव और अमित शाह के बीच तीखी नोकझोंक