Maharashtra News: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सिस्टम की मार एक मजबूर मां-बाप के लिए ऐसी मजबूरी बन गई जिसके कारण मां-बाप को अपने ही बच्चों के शव को कंधे पर लेकर 15 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। अस्पताल में सही इलाज ना मिलने और मौके पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं होने की वजह से माता-पिता को अपने दो बच्चों के शव को कंधे पर लेकर खराब रास्ते पर चलते हुए 15 किमी तक पैदल जाना पड़ा और आखिर में डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
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गढ़चिरौली में दिल झकझोर देने वाला मामला
यह दिल झकझोर देने वाला मामला महाराष्ट्र के गढ़चिरौली का है जहां दो बच्चों को बुखार होने के कारण माता-पिता बच्चों को इलाज के लिए पहले एक पुजारी के पास ले गए। जहां पुजारी ने दोनों बच्चों का इलाज किया लेकिन बच्चों की इसके बाद ज्यादा तबियत खराब हो गई। बच्चों की हालत बिगड़ने पर मां-बाप 15 किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और दोनों बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत होने पर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिलने पर माता-पिता शवों को कंधे पर रखकर कीचड़ भरे रास्तों से 15 किमी चलकर घर पहुंचे।
मृत बच्चों के शव को कंधे पर लादकर पहुंचे माता-पिता
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मजबूर मां-बाप का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो को देखकर यूजर्स इस पर तरह-तरह के कमेंट्स कर सिस्टम के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं तो वहीं इस पूरे मामले पर गढ़चिरौली के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रताप शिंदे का कहना है कि, दो बच्चों की मौत की सूचना सही है हालांकि दोनों की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने बताया बच्चों को पहले पुजारी के पास ले जाया गया था लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी अस्पताल में एंबुलेंस का इंतजाम करने की व्यवस्था की गई लेकिन परिजनों ने इंतजार नहीं किया और शव को पैदल लेकर ही चले गए। इसकी अब आगे जांच कराई जाएगी।
स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों ने मृत घोषित किया
आपको बता दें कि,ऐसा पहला मामला नहीं है जब सिस्टम की मार की वजह से माता-पिता को अपने ही बच्चों के शवों को कंधे पर लेकर जाना पड़ा है। इससे पहले भी देश में कई तरह के ऐसे मामले सामने आए हैं जब सिस्टम की कमी और लापरवाही के चलते इसका भुगतान लोगों को भुगतना पड़ता है।महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पक्की सड़क न होने की वजह से दोनों मृत बच्चों को माता-पिता नाले के पानी और भारी कीचड़ के बीच अपने कंधों पर लेकर जिमलगट्टा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे वहां पहुंचते ही चिकित्सकों ने बच्चों की मृत घोषित कर दिया। चूंकि स्वास्थ्य केंद्र में कोई एंबुलेंस नहीं थी इसलिए मजबूर माता-पिता दोनों बच्चों के शवों को अपने कंधे पर लादकर अपने गांव की तरफ चल पड़े।