Badlapur School Sexual Assault Case: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी के कारणों और पीड़ित बच्चियों के स्वास्थ्य की स्थिति को रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कहा है।
स्कूल कर्मचारी पर यौन शोषण का आरोप
ठाणे जिले के बदलापुर में स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल के टॉयलेट सफाई कर्मचारी पर दो नाबालिग छात्राओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। यह घटना 12 और 13 अगस्त को घटित हुई थी, जिसमें चार साल और छह साल की दो बच्चियों को शिकार बनाया गया। आरोपी कर्मचारी अक्षय शिंदे को स्कूल में 1 अगस्त, 2024 को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था। आरोप है कि स्कूल ने लड़कियों के शौचालयों की सफाई के लिए किसी महिला कर्मचारी को नियुक्त नहीं किया था, जिसका फायदा उठाकर आरोपी ने इस घृणित अपराध को अंजाम दिया।
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माता-पिता ने उठाए स्कूल प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि स्कूल में लड़कियों के शौचालयों की सफाई के लिए महिला कर्मचारी क्यों नहीं रखी गई? उन्होंने स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की आलोचना की और इसे बच्चों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता करार दिया। माता-पिता का आरोप है कि स्कूल प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है और इस कारण बच्चियों को न्याय दिलाने में देरी हो रही है।
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एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर उठे सवाल
इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में लगभग 12 घंटे की देरी हुई, जिसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा है कि अगर मीडिया रिपोर्ट की सामग्री सही है, तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला है और इस पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। आयोग ने यह भी जानने की इच्छा जताई है कि पीड़ित बच्चियों और उनके परिवारों को किसी प्रकार का परामर्श दिया गया है या नहीं। इसके अलावा, आयोग ने अधिकारियों से यह भी जानना चाहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और आगे क्या प्रस्तावित हैं।
मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन
घटना की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को घोषणा की कि इस मामले की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में की जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस महानिरीक्षक आरती सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन की घोषणा की है। इसके साथ ही, मामले की प्रभावी पैरवी के लिए प्रसिद्ध वकील उज्जवल निकम को सरकारी वकील नियुक्त किया गया है।
घटना ने पूरे इलाके में मचाई हलचल
बदलापुर के इस नामी स्कूल में हुए यौन उत्पीड़न की घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह मामला न केवल बच्चियों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्कूल प्रशासन की लापरवाही भी उजागर कर रहा है।
सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं अभिभावक
इस घटना के बाद से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में भारी चिंता देखी जा रही है। वे अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति स्कूलों की जिम्मेदारी पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में स्कूल प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट आयोग को भेजी जानी है, जिसमें उम्मीद की जा रही है कि पीड़ित बच्चियों को न्याय मिलेगा और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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