Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में आगामी चुनावी माहौल गरमाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कांग्रेस पर करारा हमला किया। उन्होंने अकोला में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) पर तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया। सीएम योगी ने कहा, “खरगे जी, गुस्सा मुझे पर मत करिए, बल्कि उन हैदराबादी निजामों पर करिए, जिनके रजाकारों ने आपके गांव को जलाकर हिंदुओं की हत्या की थी।”
योगी – इतिहास को सामने लाने से क्यों कतरा रहे हैं?
सीएम योगी ने रैली में कांग्रेस पर इतिहास को छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे का गांव हैदराबाद के निजाम के अधीन था। उस समय के निजाम की रजाकार सेना ने उनके गांव पर हमला किया था, जिसमें कई हिंदू मारे गए थे। योगी ने कहा, “खरगे जी, अगर आपको गुस्सा करना है, तो उस जुल्म और अन्याय के खिलाफ कीजिए जिसने आपके अपने लोगों को निशाना बनाया। लेकिन वोट बैंक के चलते आप इस सच को देश के सामने रखने से कतरा रहे हैं।”
योगी – “हमारा हर काम देश के नाम”
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति को अपने भाषण में बार-बार निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “हमारे लिए हर काम पहले देश के लिए है, लेकिन कांग्रेस के लिए पहले तुष्टिकरण की नीति है। खरगे जी देश के साथ न्याय नहीं कर रहे। अगर वो हैदराबादी निजामों के अत्याचार को सामने रखेंगे, तो उन्हें मुस्लिम वोट बैंक का नुकसान होने का डर है।”
लव जिहाद और लैंड जिहाद का मुद्दा भी उठाया
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में माफिया पर कड़ा रुख अपनाया गया है, और अब न तो लव जिहाद की समस्या है और न ही लैंड जिहाद की। उन्होंने कहा, “यूपी में ऐलान हो चुका है कि जो बेटियों की सुरक्षा में बाधा डालेगा या गरीबों की जमीन हड़पेगा, उसे हम बख्शेंगे नहीं। पिछली सरकारों ने इन माफियाओं को संरक्षण दिया, लेकिन अब वे सभी ‘जहन्नुम’ की राह पर हैं।”
खरगे ने किया पलटवार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड के छतरपुर में हुई रैली में योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी के नारों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “ये लोग कहते हैं ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘बटेंगे तो कटेंगे’। पहले खुद ही तय कर लें कि कौन सा नारा सही है।” खरगे ने योगी का नाम लिए बिना कहा, “बटेंगे तो कटेंगे कहना एक साधु का काम नहीं हो सकता। यह भाषा नफरत और हिंसा फैलाने वालों की है। नाथ संप्रदाय का कोई साधु ऐसी बात कर ही नहीं सकता। हम डरने वाले नहीं हैं, और न ही झुकने वाले।”