Maharashtra Election 2024: शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत (Arvind Sawant) द्वारा शिवसेना नेता शाइना एनसी (Shaina NC) को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी से महाराष्ट्र की सियासत में नया बवाल खड़ा हो गया है। इस टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। शिंदे ने आगे कहा, “अगर बालासाहेब ठाकरे जीवित होते, तो वह इस बयान पर उनका मुंह तोड़ देते।”
महिलाओं के प्रति निंदा बर्दाश्त नहीं: सीएम शिंदे
सीएम शिंदे (CM Shinde) ने इस बयान को शिवसेना (यूबीटी) की कथित विचारधारा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग बालासाहेब ठाकरे के नाम का दावा करते हैं, लेकिन उनके कार्यों से असलियत सामने आ गई है। शिंदे ने कहा, “हमारी पार्टी महिलाओं का सम्मान करती है, लेकिन ये लोग महिलाओं के प्रति बुरा बोलने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। ये उनके वास्तविक चरित्र को उजागर करता है।” उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी चुनाव में महाराष्ट्र की महिलाएं ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगी जो उनका अपमान करने का साहस रखते हैं।
“इंपोर्टेड माल” वाले बयान पर अरविंद सावंत के खिलाफ केस दर्ज
इस पूरे विवाद की जड़ उस वक्त पैदा हुई जब शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने शाइना एनसी को “इंपोर्टेड माल” कहकर संबोधित किया। सावंत ने कहा कि शाइना हमेशा भाजपा में रही हैं और अब किसी दूसरी पार्टी में आ गई हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “यहां आयातित ‘माल’ नहीं चलता, केवल असली ‘माल’ चलता है।” सावंत के इस बयान पर शाइना एनसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
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राउत ने किया अपना बचाव, कहा–”महिला का अपमान नहीं किया”
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने अरविंद सावंत के बयान का बचाव करते हुए कहा कि इसमें किसी महिला का अपमान नहीं हुआ है। राउत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अरविंद सावंत एक सम्मानित नेता हैं और उनका बयान महज राजनीतिक था। राउत ने कहा, “सावंत जी ने केवल इतना ही कहा कि भाजपा की उम्मीदवार इस क्षेत्र की मूल निवासी नहीं हैं और बाहर से आयी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी बाहरी व्यक्ति को ‘इंपोर्टेड माल’ कहने से कोई महिला का अपमान नहीं होता।”
राउत ने आगे अपनी बात को मजबूत करते हुए कहा कि यह राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा है और इस पर इतना बड़ा मुद्दा खड़ा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “आपने खुद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के बारे में क्या-क्या नहीं कहा? एक बार इतिहास खंगाल लीजिए, आपको पता चल जाएगा।”
बढ़ी राजनीतिक गहमागहमी
इस घटना ने महाराष्ट्र की सियासत में तकरार को और बढ़ा दिया है। दोनों पक्ष इस विवाद का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस विवाद से जनता में क्या संदेश जाएगा और आगामी चुनाव में इसका कितना असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी से जनता में दोनों पक्षों की छवि प्रभावित हो सकती है।
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