Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी सिलसिले में 18 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मालेगांव में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस सभा में अखिलेश के साथ महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी (Abu Azmi) भी मंच पर मौजूद थे।
जनसभा के दौरान अबू आसिम आजमी ने अपने भाषण में एक विवादित बयान दे डाला, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष का माहौल पैदा हो गया है। अबू आजमी ने अपने भाषण में कहा, “हमारे पास अभी 2 विधायक हैं, हमें कम से कम 6-8 विधायक चाहिए। जिस दिन हमारे पास 8 विधायक हो गए, तब किसी की ताकत नहीं होगी जो हमारे साथ ज्यादती कर सके।” उनके इस बयान को लेकर पार्टी के कई नेता असहमति जता रहे हैं।
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अमेठी के समाजवादी छात्रसभा नेता ने जताई नाराजगी
समाजवादी छात्रसभा के उत्तर प्रदेश प्रदेश सचिव जय प्रताप सिंह यादव, जो अमेठी के निवासी हैं, ने अबू आजमी के इस बयान पर खुलकर नाराजगी जाहिर की। जय प्रताप सिंह यादव ने न केवल अबू आजमी की टिप्पणी पर सवाल उठाया, बल्कि मंच पर अखिलेश यादव की मौजूदगी पर भी कटाक्ष किया। जय प्रताप सिंह के इस विरोध को लेकर समाजवादी पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है, और सोशल मीडिया पर यह नोटिस तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान होने का खतरा है।
गलतफहमी से जारी हुआ कारण बताओ नोटिस?
इस पूरे मामले में जब कुछ मीडिया सूत्रों ने जय प्रताप सिंह यादव से संपर्क किया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नोटिस गलतफहमी के चलते जारी हुआ। उन्होंने बताया कि लखनऊ के एक अन्य समाजवादी नेता, जिनका नाम जय सिंह यादव है, ने अबू आजमी के बयान पर नाराजगी जताई थी। लेकिन गलती से इस नोटिस में लखनऊ के जय सिंह यादव के बजाय अमेठी के जय प्रताप सिंह यादव का नाम लिख दिया गया, जिससे सोशल मीडिया पर भ्रम फैल गया। जय प्रताप ने इस मुद्दे को लेकर स्पष्ट किया कि यह गलतफहमी है और इस मामले का सही विवरण पार्टी को दे दिया गया है।
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अबू आजमी का बयान: ‘हमें कम से कम 6-8 विधायक चाहिए’
चुनावी जनसभा में अबू आसिम आजमी (Abu Azmi) ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “हमें कम से कम 6-8 विधायक चाहिए ताकि हमारी आवाज मजबूत हो सके। जिस दिन हमारे पास इतनी संख्या हो गई, तब किसी में इतनी ताकत नहीं होगी कि हमारे समुदाय के साथ अन्याय कर सके।” उन्होंने आगे कहा कि वह मुसलमानों के अधिकारों के लिए अपनी जान तक देने को तैयार हैं लेकिन किसी के सामने घुटने नहीं टेकेंगे। उनके इस बयान से जनसभा में पहुंचे समर्थकों में उत्साह का माहौल बन गया, लेकिन उनके इस बयान से पार्टी के कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई है।
फिरकापरस्त ताकतों को खत्म करने का लिया संकल्प
अबू आजमी ने सभा में धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए जनता को भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प है कि हम फिरकापरस्त ताकतों को समाप्त करेंगे। मुझे अपने देश और राज्य की सुरक्षा और एकता की परवाह है और हम हमेशा इसके लिए काम करते रहेंगे।” इस दौरान उनके समर्थक भारी बारिश के बीच भी उन्हें सुनने के लिए हाथों में छाते लिए खड़े रहे।
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पार्टी में उठ रहे असंतोष के सुर
अबू आजमी (Abu Azmi) के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी में अंदरूनी असंतोष की लहर दौड़ पड़ी है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश के सपा नेताओं में अबू आजमी के बयानों को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। अबू आजमी का यह बयान पार्टी के आला नेतृत्व को भी मुश्किल में डाल सकता है, क्योंकि पार्टी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को लेकर हमेशा सजग रहती है। समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के प्रयास में जुटी है, लेकिन इस तरह के बयानों से उसे संभावित नुकसान हो सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस मुद्दे को जल्द सुलझाना आवश्यक है ताकि चुनावी रणनीति में कोई बाधा न आए।