Sharad Pawar News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra Assembly Elections 2024) का आयोजन इसी साल के अंत में होने जा रहा है और इस चुनाव में महायुति (Mahayuti) और महाविकास आघाड़ी गठबंधन (Mahavikas Aghadi alliance) बहुत ही जोर शोर से मेहनत करने में लगे हुए है. इस बीच महराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है. महाराष्ट्र चुनाव आयोग (Maharashtra Election Commission) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि शरद पवार (Sharad Pawar) के गठबंधन को ट्रंपेट सिंबल ‘तुरहा’ को हटा दिया गया है. यह निर्णय पार्टियों के बीच सिंबल को लेकर चल रहे विवाद को हल करने का प्रयास है, जिसने अलग-अलग सिंबल के उपयोग से जनता में कंफ्यूजन उत्पन्न किया था.
Read More: Lucknow Road Accident: तेज रफ्तार ट्रक झोपड़ी में जा घुसा,एक ही परिवार के 4 लोगों की गई जान
सिंबल विवाद से जुड़ी समस्याएं
बताते चले कि लोकसभा चुनाव में भी यही समस्या उभरी थी, जहां शरद पवार (Sharad Pawar) के गठबंधन के उम्मीदवार को तुरहा सिंबल मिला था. इससे उन्हें वोटर्स के बीच विशेषतः उन स्थानों पर कठिनाई हुई थी, जहां संविदानिक प्रक्रिया के तहत सिंबल के उपयोग में विवाद उत्पन्न हुआ था. जैसे की सतारा लोकसभा सीट (Satara Lok Sabha seat) पर तुरहा सिंबल के उपयोग के कारण वोट बंटवारे में समस्या उत्पन्न हुई थी. शरद पवार के गठबंधन के उम्मीदवार को इस सीट पर हार हुई थी, जिसे वह इस बात पर आरोप लगाते थे कि उनके वोटर्स को सिंबल के कारण भ्रमित किया गया था.
चुनाव आयोग के आदेश से राहत
इस तरह के समस्याएं अन्य लोकसभा सीटों (Lok Sabha seats) पर भी देखी गईं, जहां वोटों के बीच तुरहा सिंबल के उपयोग के कारण विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच महत्वपूर्ण दूरी आई थी.चुनाव आयोग (Election Commission) का यह निर्णय विवादों को समाप्त करने और चुनावी प्रक्रिया को सुगम बनाने का प्रयास है, जिससे राज्य के नागरिकों को स्पष्टता और सहजता मिल सके.
चुनाव आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय
चुनाव आयोग ने हाल ही में शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शपा), के चुनाव चिह्न ‘तुरही बजाता आदमी’ के समान दिखने वाले चुनाव चिह्नों को सूची से हटा देने का निर्णय लिया है. यह कदम शपा की मांग पर उठाया गया है. शपा ने इस निर्णय के लिए चुनाव आयोग का आभार व्यक्त किया है.शुक्रवार को शपा ने भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा ‘पिपिहरी’ और ‘तुरही’ चिह्नों पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया. पार्टी का कहना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के बीच इन चिह्नों को लेकर भ्रम पैदा किया, जिससे शपा को नुकसान उठाना पड़ा.
लोकसभा चुनाव में देखा गया था असर
शपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक बयान में कहा कि इस निर्णय से सत्य की जीत हुई है. भाजपा ने जानबूझकर ‘तुरही’ के चिह्न का दुरुपयोग किया और मतदाताओं को भ्रमित किया, जिससे सातारा लोकसभा क्षेत्र में शपा के उम्मीदवार शशिकांत शिंदे हार गए. मतदाता ‘तुरही’ चिह्न को शपा का मानकर मतदान कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप शिंदे भाजपा के उदयनराजे भोसले से 32,771 मतों से हार गए.
स्वतंत्र प्रतीकों की सूची से हटाया
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 16 जुलाई को महाराष्ट्र में चुनाव आयोग (Election Commission) ने अपने आदेश में ‘तुरही’ और इसके समान प्रतीकों को स्वतंत्र प्रतीकों की सूची से हटा दिया. क्रैस्टो ने विश्वास जताया कि अब मतदाता सही चुनाव चिह्न को पहचान सकेंगे और इस निर्णय से शपा को अधिक वोट मिलेंगे.
Read More: Sonam Kinnar ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, सरकार और अफसरशाही पर लगाए गंभीर आरोप