Maha Shivratri 2025 Puja Vidhi:महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा और उपासना का विशेष दिन है। यह पर्व विशेष रूप से शिव भक्तों द्वारा बड़े श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का आयोजन हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होता है। इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक और पूजा करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना करने का महत्व है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
जलाभिषेक का समय और सामग्री

महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, घी और बेलपत्र चढ़ाकर पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। जलाभिषेक के समय का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके लिए एक विशेष मुहूर्त होता है। पंचांग के अनुसार, जलाभिषेक और पूजा का समय शुभ मुहूर्त में होना चाहिए।
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निशिता काल पूजा का समय

महाशिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी 2025 को निशिता काल रात 12.09 बजे से लेकर 12.59 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान भगवान शिव की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। निशिता काल में पूजा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अवधि में पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि पर मूर्ति पूजा का महत्व

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है। हालांकि, अगर किसी के पास घर में शिवलिंग नहीं है या वह किसी कारणवश मंदिर में पूजा करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे भगवान शिव की मूर्ति की पूजा भी कर सकते हैं। मूर्ति पूजा भी मान्य है और इससे भी पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। शिवलिंग की पूजा का जितना महत्व है, उतना ही भगवान शिव की मूर्ति की पूजा का भी महत्व है, जिससे भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि व्रत का पारण समय

महाशिवरात्रि व्रत का पारण विशेष समय पर करना चाहिए, ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत का पारण 27 फरवरी 2025 को सुबह 06:48 बजे से लेकर 08:54 बजे तक है। इस समय में व्रत का पारण करने से व्रति को विशेष पुण्य प्राप्त होता है और भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
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पर्व शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व

महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। इस दिन पूजा विधि का पालन करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जलाभिषेक, निशिता काल पूजा, और व्रत पारण जैसे धार्मिक अनुष्ठान इस दिन किए जाते हैं, जो भक्तों को पुण्य और आत्मिक शांति की प्राप्ति दिलाते हैं। शिव भक्तों को इस पर्व पर विशेष ध्यान और श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए, जिससे वे भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकें।