Mauni Amavasya: प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) में मौनी अमावस्या के अवसर पर अब तक 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।संगम में पवित्र डुबकी के बाद श्रद्धालु अलग-अलग घाटों पर अनुष्ठान और पूजा-अर्चना कर रहे हैं।मौनी अमावस्या के खास मौके पर अब भी लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंच रहे हैं।मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से स्नान के बाद अपने सेक्टर या जोन पर लौटने का आग्रह किया है।दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक समागम की शुरूआत 13 जनवरी को हुई थी।पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर हुआ था।महाकुंभ की शुरुआत से अब तक 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।
मौनी अमावस्या पर अब तक 5 करोड़ से अधिक लोगों ने किया स्नान
महाकुंभ (Mahakumbh) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों सहित 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। संगम में पानी के नीचे की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पहली बार अंडरवाटर ड्रोन तैनात किए गए हैं।इस बीच मौनी अमावस्या पर रिकॉर्डतोड़ भीड़ पहुंचने और मची भगदड़ की घटना को देखकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया है।
पवित्र स्नान के लिए सबसे खास दिन है मौनी अमावस्या
आपको बता दें कि,मौनी अमावस्या को पवित्र स्नान के लिए सबसे खास दिन माना जाता है यही कारण है कि,श्रद्धालुओं की इस दिन बड़ी संख्या स्नान के लिए महाकुंभ में पहुंची है।हिंदू कैलेंडर के अनुसार मौनी अमावस्या माघ कृष्ण अमावस्या के दिन पड़ती है सभी विशेष स्नान तिथियों में यह दिन सबसे शुभ दिन माना जाता है।मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले अबतक 5 करोड़ लोग महाकुंभ में पहुंचे थे ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन ये संख्या 10 करोड़ पहुंचने का अनुमान पहले से था।प्रशासन ने भीड़ को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की थी ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
सभी अखाड़ों ने एकसाथ संगम में किया स्नान
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा,हमने सोचा हमारी वजह से श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो इसलिए हमने स्नान करना स्थगित कर दिया अब जब स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है तो हम स्नान करने आए हैं।त्रिवेणी संगम में सभी अखाड़े एकसाथ स्नान कर रहे हैं इसके जरिए हमारा संदेश है कि,भारत को एकजुट होना चाहिए जातियों के नाम पर हमें बंटना नहीं चाहिए हम हिंदू सनातनी हैं इसको सभी को स्वीकार करना चाहिए।