Bakrid 2024: तेलंगाना (Telangana) के मेडक जिले में मिन्हाज उल उलूम मदरसे पर दक्षिणपंथी भीड़ के हमले में कई लोग घायल हो गए। मिली जानकारी के अनुसार, मिन्हाज उल उलूम मदरसे के प्रबंधन ने बकरीद के लिए कुर्बानी हेतु कुछ मवेशी खरीदे थे। इस पर स्थानीय दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने मदरसे के पास हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह भीड़ को अलग करा। लेकिन एक घंटे बाद, दक्षिणपंथी हिंदुत्व समूहों के सदस्य फिर से मदरसे में पहुंच गए और हमला करना शुरू कर दिया।
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आरएसएस और हिंदू वाहिनी का विरोध
असल में यह सारा विरोध बकरीद को लेकर हो रह था। आरएसएस (RSS) और हिंदू वाहिनी के सदस्य जानवरों की कुर्बानी के विरोध में मदरसे के पास एकत्र हो गए थे। इलाके के डीएसपी ने जानवर के मेडिकल जांच का आश्वासन दिया, लेकिन मदरसे के अंदर मौजूद कई लोग अचानक हुए इस हमले से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। बाद में, भीड़ ने अस्पताल पर भी हमला किया और पत्थरबाजी करना शुरू कर दी। पुलिस ने हस्तक्षेप कर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। जिसके बाद परिस्थितियाँ काबू में आ सकी।
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इलाके में तनाव माहौल
एकाएक हुई इस घटना की खबर फैलते ही इलाके में तनाव फैल गया। शाम को कुछ अराजक तत्वों ने बाजार बंद कर दिए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मेडक शहर में गश्त बढ़ा दी है। घायलों ने आरोप लगाया है कि यह मुसलमानों पर हमला करने की एक सोची समझी साजिश थी। एआईएमआईएम (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के विधायक कौसर मोहिउद्दीन ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM President Asaduddin Owaisi) ने भी डीजीपी तेलंगाना रवि गुप्ता से इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मजलिस बचाओ तहरीक पार्टी के प्रवक्ता अमजेदुल्ला खान ने राज्य सरकार से बकरीद से पहले मुसलमानों पर लक्षित हमलों को रोकने के लिए कहा।
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क्यों मनाई जाती है बकरीद?
बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह हजरत इब्राहीम द्वारा अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देते हैं और उस मांस को गरीबों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के बीच बांटते हैं। बकरीद का त्योहार त्याग और विश्वास की प्रतीक माना जाता है।