Bihar Transgender Daroga: समाज की मुख्य धारा में अब ट्रांसजेंडर की धीरे-धीरे वापसी हो रही है.सामाजिक रुप से भी अब ट्रांसजेंडर को स्वीकारा जाने लगा है.बिहार में 3 ट्रांसजेंडरों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है.दरअसल इन तीनों में 2 ट्रांसमेन और 1 ट्रांसवूमेन है.बिहार में एक छोटे से गांव भागलपुर से निकलकर महिला ट्रांसजेंडर मानवी मधु कश्यप बिहार पुलिस में दरोगा बनी हैं. मंगलवार को बिहार पुलिस अपर सेवा आयोग ने पुलिस दरोगा का रिजल्ट घोषित किया था परीक्षा में कुल 1275 उम्मीदवार सफल हुए जिनमें से 3 ट्रांसजेंडर हैं।
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बिहार पुलिस में पहली महिला ट्रांसजेंडर दरोगा
बिहार पुलिस में दरोगा बनी महिला ट्रांसजेंडर मानवी मधु कश्यप ने एक वीडियो जारी कर अपनी खुशी जाहिर की है.उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा,नमस्कार मैं मानवी मधु कश्यप आज मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरा बिहार एसआई में सेलेक्शन हुआ है.आपको बता दें कि,बिहार पुलिस में दरोगा बनी मानवी मधु का यहां तक सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था समाज में उन्हें काफी जिल्लत सहनी पड़ी लेकिन इससे उसके सपनों पर कोई फर्क नहीं पड़ा और मानवी लगातार अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ती रही।
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IAS बनने का सपना पूरा करना लक्ष्य
मानवी मधु को अपना घर तक छोड़ना पड़ा लेकिन साहस और मेहनत के दम पर माधवी ने आगे बढ़ने की इच्छा नहीं छोड़ी और लगातार आगे बढ़ती रही.मधु मानवी इस मुकाम के लिए अपने माता-पिता और गुरु का धन्यवाद करते नहीं थकती.मानवी मधु ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया है.मानवी कहती हैं इस परीक्षा के लिए वो 2021 से तैयारी कर रही थी और सालों तक मेहनत करने के बाद इस मुकाम तक पहुंची.मानवी मधु ने कड़े संघर्षों के बाद बिहार पुलिस की परीक्षा में सफलता पाई है. उनका कहना है कि,उनका सपना यहीं नहीं पूरा होता बल्कि वो यूपीएससी क्लियर करके आईएएस बनना चाहती हैं।
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समाज में लोगों के सुनने पड़े ताने
मानवी मधु ने बताया ट्रांसजेंडर होने की वजह से उन्हें समाज की बातें और ताने सुनने पड़े लेकिन उन्होंने इन सभी बातों को इग्नोर किया और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा इसलिए उन्होंने ये मुकाम हासिल किया.मानवी को कई सारी ऊलाहना भरी बातें सुनने को मिली एक स्थिति ऐसी भी आई जब मानवी ने अपना घर तक छोड़ दिया.मानवी ने पॉलिटिकल साइंस विषय से बीए ऑनर्स किया है.बिहार से पहले केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एक सिपाही को सरकारी सेवा में नौकरी करने का मौका मिल सका है।
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