Lucknow: राजधानी लखनऊ के भातखंडे संस्कृत विद्यालय के कला मंडपम् ऑडोटोरियम में लिरिक्स एकेडमी ऑफ म्यूजिक जानकीपूरम ब्रॉच की ओर से जश्न सीजन-7 का आयोजन किया गया। जिसमें लिरिक्स एकेडमी के द्वारा प्रशिक्षित छात्रों ने कार्यक्रम में गायन कत्थक भरतनाट्यम वेस्टर्न डान्स के साथ-साथ बॉलिवुड डान्स की प्रस्तुतियां बच्चों के द्वारा मंच पर प्रस्तुति की गई, साथ ही महज चंद दिनों के प्रशिक्षण में अलग-अलग उम्र के बच्चों ने अपने प्रशिक्षण का नजारा अपने कला के माध्यम से मंच पर दिखाया।

वहीं इस कार्यक्रम को वायुसेना के पूर्व पदाधिकारियों को समर्पित किया गया और उनके देश के लिए दिए गए योगदान को भी याद किया गया। वहीं इस कार्यक्रम में बच्चों का हौसला बढ़ाने पहुंचे मुख्य अतिथि के रूप में कैप्टन मनोज कुमार बरनवाल एवं अन्य एयरफोर्स ऑफ़िसर मौजूद रहे।

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बतादें कि इस कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावक और तमाम दर्शक तालियों की गूंज से बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए नजर आएं वहीं छोटी सी उम्र में अपने नृत्य से कियारा निगम की प्रस्तुति को दर्शकों ने बेहद सराहा और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम को लेकर जानें क्या बोले आयोजक
वहीं कार्यक्रम के आयोजक विपिन गुप्ता ने प्राइम टीवी से बातचीत करते हुए कहा कि जो बच्चे हमारे यहां सीखते हैं ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों की कला को प्रदर्शित करना है हमारे लिरिक्स अकैडमी के दो ब्रांच के बच्चे आज यहां अपने कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। 6 महीने और साल भर पर हमारे एकेडमी के तरफ से शो पेस किया जाता है।

तो वहीं जो बच्चे हमारे वहां सीख गए होते हैं उन्हीं का कौशल परफॉर्मेंस आज हो रहा है 3 साल के ऊपर के बच्चों को हम प्रशिक्षित करते हैं और मेरा बस यही सोच रहेती है कि बच्चे अच्छे से अच्छे तरह से मेहनत करें और अच्छे मुकाम पर जाएं और हम बेहतर तरीके से सिखाने का कार्य कर रहे हैं जिससे बच्चे अच्छे से अच्छा प्रशिक्षित हो सके फिलहाल आजकल के बच्चे टैलेंटेड भी होते हैं उनको हम पोलीस कर सकते हैं और उन पर मेहनत करते हैं और मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
नृत्य और संगीत की बच्चों ने की पेशकश

वही कार्यक्रम में दर्शक के आए अभिभावकों ने प्राइम टीवी टीम से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 12 दिनों के प्रशिक्षण में मेरी बेटी ने डांस सीखा है और लिरिक्स अकैडमी की तरफ से बेहतर तरीके से प्रशिक्षित बच्चों को किया जा रहा है और मुश्किल से 12 दिनों के अंदर एक कुशल प्रशिक्षण की वजह से मंच पर नजारा देखने को मिला और अभिभावक होकर अगर हमें मंच पर खड़ा किया जाए तो हमारे अंदर भी डर रहेगा मगर बच्चे छोटे हैं उनके अंदर किसी तरह का भय नहीं दिखा, उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और मंच पर मगन हो कर बिना डर के अपनी कला का प्रदर्शन दिया।