लखनऊ संवादददाता : Vibhanshu Manni Tripathi
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में भी अब चल रही है मूलांक ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी लंच ट्रांसप्लांट को लेकर इन लखनऊ के मिडलैंड हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर और चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल नेम आज लखनऊ में रोग प्रबंधन की दिशा में एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें इस बात की घोषणा की गई । मिडलैंड हेल्थ केयर एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े हुए डॉक्टर बीपी सिंह ने बताया की who के अनुसार भारत में अलग-अलग बीमारियों से होने वाली मौतों में 11 फीसदी मौते फेफड़ों की बीमारी से हो रही है ।
फेफड़े संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूक
भारत दुनिया में फेफड़ों की बीमारी से मौत के मामले में पहले स्थान पर है , जो की बेहद ही भयावह है ऐसे में लंग्स ट्रांसप्लांट के जरिए मरीज की जान बचाई जा सकती है और लोगों को फेफड़े संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा सकता है। इस कॉन्फ्रेंस में देश भर से जमा हुए डॉक्टरों ने यह तय किया है की फेफड़ों संबंधी बीमारी के इलाज के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भी मदद करने के लिए अनुरोध करेंगे क्योंकि देश के कई राज्य जिसमें महाराष्ट्र कर्नाटक तमिलनाडु जैसे राज्य शामिल है। वह लंग्स ट्रांसप्लांट में मरीजों को पूरी मदद के साथ पूरा खर्चा भी दे रहे हैं डॉक्टर ने तय किया है कि वह केंद्र सरकार से भी अपील करेंगे कि लंच ट्रांसप्लांट के लिए इसे आयुष्मान भारत से भी जोड़ा जाए।
रेस्पेर्ट्री एंड क्रिटिकल केअर
इस सेमिनार में मौजूद चेन्नई के m.g.m. हॉस्पिटल के डॉक्टर के आर बालकृष्ण ने बताया कि दक्षिण भारत के राज्यों में लोग लंग्स डोनेशन के लिए आगे आते हैं लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में ऐसा नहीं है इसलिए बेहद जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए ऐसे मरीज जो ब्रेनडेड हो चुके हैं उनके परिवार को चाहिए कि वह लंग को डोनेट करें जिससे जरूरतमंदों की जान बचाई जा सके
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डॉक्टर के आर बालकृष्णन
इस सेमिनार में कोविड के बाद होने वाली बीमारियों पर भी चर्चा की गई और यह पाया गया कि कोविड के बाद लोगों में फेफड़ों की और हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ी है इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है।