Lucknow Mail is back: शतरंज की बिसात की तरह दिखने वाला ऐतिहासिक लखनऊ (चारबाग) रेलवे स्टेशन, जिसका सिर का ताज कहें या गर्व, अब फिर से अपने एक महत्वपूर्ण हिस्से को प्राप्त करने जा रहा है। चारबाग स्टेशन और लखनऊ मेल (Lucknow Mail) एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। चारबाग स्टेशन को शरीर कहें और लखनऊ मेल को आत्मा, तो यह जोड़ी फिर से एक हो रही है।
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वीआईपी ट्रेन का ऐतिहासिक सफर
अटल बिहारी वाजपेयी जैसी प्रमुख हस्तियों के शानदार रेल सफर का इतिहास संजोए वीआईपी ट्रेन, लखनऊ मेल, एक बार फिर से चारबाग का हिस्सा बनने जा रही है। जल्द ही लखनऊ मेल का नया ठिकाना लखनऊ जंक्शन नहीं बल्कि चारबाग स्टेशन होगा। रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को लखनऊ मेल को वापस लखनऊ (चारबाग) स्टेशन शिफ्ट करने का आदेश दे दिया है। लखनऊ मेल 16 नवंबर 2018 को चारबाग से लखनऊ जंक्शन भेज दी गई थी।
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लखनऊ मेल की महत्ता
भाप से लेकर डीजल और फिर अब डब्ल्यूएपी-7 श्रेणी के आधुनिक इलेक्ट्रिक इंजन से लखनऊ को नई दिल्ली से जोड़ने वाली लखनऊ मेल आज भी वीआईपी यात्रियों की पहली पसंद है। मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह जैसी हस्तियां चारबाग स्टेशन पर केवल लखनऊ मेल के लिए ही पहुंचती थीं। लखनऊ मेल के चारबाग स्टेशन से हटने के साथ ही वहां एक वीरानी सी छा गई थी।
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अधिकारियों और यूनियनों की अपील
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारी और नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन लगातार रेलवे बोर्ड से अपील कर रहे थे कि लखनऊ मेल को वापस चारबाग स्टेशन पर लाया जाए। उनकी इस मांग को रेलवे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया और लखनऊ मेल को वापस चारबाग को लौटाने का आदेश दे दिया।
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प्राइमरी अनुरक्षण और यात्री सुविधाएं
लखनऊ मेल के लखनऊ जंक्शन पर जाने के बाद भी इसका प्राइमरी अनुरक्षण चारबाग स्टेशन की वाशिंग पिट पर हो रहा था। लखनऊ मेल की शंटिंग दिन में चारबाग स्टेशन पर करना पड़ रहा था, जिससे चारबाग स्टेशन के ऑपरेशन पर प्रभाव पड़ रहा था। वहीं, यात्रियों पर भी कैबवे से जाते समय अपने चारपहिया वाहन का 60 रुपये का शुल्क का भार भी पड़ रहा था।
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लखनऊ मेल का इतिहास
- 1955: लखनऊ एक्सप्रेस (303/304) के नाम से चली
- 1956: लखनऊ एक्सप्रेस का नंबर (29/30) हो गया
- 1964: नाम लखनऊ मेल और नंबर (4229/4230) हो गया
- 2005: सुपरफास्ट का दर्जा मिलते ही लखनऊ मेल का नंबर (12229/12230) हुआ
- 26 अक्टूबर 2016: पुराने कोच हटाकर जर्मन तकनीक वाले एलएचबी लगे
- भोपाल एक्सप्रेस के बाद: ISO 9000 प्रमाणन वाली देश की दूसरी ट्रेन बनी
लखनऊ मेल का चारबाग स्टेशन पर वापस आना न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि यह यात्री सुविधाओं और संचालन में भी सुधार करेगा। यह निर्णय लखनऊ के नागरिकों के लिए गर्व का विषय है और चारबाग स्टेशन की गरिमा को पुनः स्थापित करेगा। अब, लखनऊ मेल और चारबाग स्टेशन की यह जोड़ी एक बार फिर से यात्रियों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार है, जिससे दोनों ही स्थानों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बढ़ेगा।