Lucknow news: लखनऊ के चिनहट इलाके में गणेश चतुर्थी के मौके पर धार्मिक पूजा के दौरान हिंसा का मामला सामने आया है। गंगा विहार कॉलोनी की निवासी किरन कनौजिया ने आरोप लगाया है कि 7 सितंबर को उन्होंने अपने घर में गणेश प्रतिमा की स्थापना की थी और 8 सितंबर को पूजा के दौरान 20-25 मुस्लिम युवकों ने पूजा में बाधा डालने की कोशिश की। आरोपियों ने पूजा के दौरान ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाते हुए गणेश प्रतिमा को तोड़ने की कोशिश की, जिसके विरोध में किरन और उनके परिवार ने एतराज़ किया।
पथराव और पूजा का खंडन की हुई कोशिश
किरन कनौजिया के अनुसार, जब उन्होंने प्रतिमा को बचाने की कोशिश की, तो आरोपियों ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव के कारण पूजा के दौरान रखा कलश टूट गया, जिससे पूजा पूरी तरह से बाधित हो गई। पथराव के बाद आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकियां देते हुए वहां से भाग गए। इस हिंसक घटना के बाद, इलाके में गुस्साई भीड़ एकजुट हो गई और जमकर नारेबाजी की।
स्थानीय लोगों ने जताया विरोध
पथराव की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग एकजुट हो गए और चिनहट थाने का घेराव कर दिया। गुस्साई भीड़ ने नारेबाजी की और सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। एसीपी, एडिशनल डीसीपी और डीसीपी समेत पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने भीड़ को शांत कराने के लिए आश्वासन दिया और कुछ लोगों को हिरासत में लिया।
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आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन
डीसीपी शशांक सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि विशेष समुदाय के लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पूरे मामले की गहराई से जांच की जाएगी। शिकायतकर्ता प्रदीप चौरसिया और उनकी पत्नी किरन ने बताया कि पथराव के दौरान उनके घर में केवल महिलाएं और बच्चे थे। प्रदीप चौरसिया, जो काम के सिलसिले में घर से बाहर थे, को घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपियों ने फरार हो गए थे।
धार्मिक तनाव बीच शांति की अपील
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और पुलिस शांति बनाए रखने की हर संभव कोशिश कर रही है। स्थानीय लोग और विभिन्न संगठनों ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है, जबकि प्रशासन ने इस धार्मिक तनाव को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच और न्यायिक कार्रवाई से स्थिति स्पष्ट होगी।