Lucknow News: राजधानी लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीम ने बड़े स्तर पर कार्रवाई करते हुए कई नामी प्रतिष्ठानों पर भारी जुर्माना लगाया है। इनमें होटल गोल्डन ट्यूलिपस (Hotel Golden Tulip), गजल कूल कॉर्नर और स्पेंसर्स जैसे प्रमुख प्रतिष्ठान शामिल हैं। इन प्रतिष्ठानों से लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों को जांच के लिए लैब में भेजा गया था, जिनमें से कई अधोमानक पाए गए। इन सभी पर 26 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया है, जिससे राजधानी के व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।
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कौन-कौन से प्रतिष्ठान आए निशाने पर?
FSDA टीम ने स्पेंसर्स (Spencers) इंदिरानगर से ‘हनी स्मार्ट च्वॉइस’, होटल गोल्डन ट्यूलिप से ‘आमचूर’ और गजल कूल कॉर्नर से ‘मीडियम फैट फ्रोजन डिजर्ट मैंगो’ का नमूना लिया था। ये नमूने फेल पाए जाने के बाद, स्पेंसर्स पर 1.05 लाख रुपये, गोल्डन ट्यूलिप पर 80 हजार रुपये और गजल कूल कॉर्नर पर 1.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा रिंग रोड स्थित हिमालयन इंटरप्राइजेज पर 1.75 लाख रुपये, रकाबगंज के अभिराज ट्रेडर्स पर 1.15 लाख रुपये और मोहनलालगंज के शांतिभोग फूड प्रोडक्ट्स पर 1.15 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है।
स्वास्थ्य सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं: FSDA
FSDA के अधिकारी ने सख्त बयान जारी करते हुए कहा कि टीम की ये कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी और किसी भी प्रतिष्ठान को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि इस प्रकार के सैंपल अधोमानक पाए जाने पर सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि लोगों के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ न हो सके।
कई अन्य प्रतिष्ठान भी शामिल
अधिकारियों की इस सख्त कार्रवाई में सरोजनीनगर स्थित किराना ई-ट्रेडिंग पर 1.05 लाख रुपये, इंदिरानगर के सुमन इंटरप्राइजेज पर 90 हजार रुपये, काकोरी के श्रेतांक ऑर्गेनिक फूड्स पर 75 हजार रुपये, चिनहट के स्वीट होम्स पर 55 हजार रुपये, राजाजीपुरम के ब्लूबेरी आइसक्रीम पर 55 हजार रुपये और अल्लूनगर डिगुरिया के बालाजी राजू पेठा भंडार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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आगे भी जारी रहेगी सख्ती
FSDA का यह कदम राजधानी में स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों के मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को छोड़ा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई के बाद राजधानी के व्यापारियों में हड़कंप मच गया है और उम्मीद की जा रही है कि यह कार्रवाई खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुधारने में मददगार साबित होगी।