Lucknow News: इजराइल द्वारा किए गए हमले में हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह (Sayed Hassan Nasrallah) की मौत के बाद विश्वभर में आक्रोश फैल गया है। कई देशों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं, और इसका असर भारत के लखनऊ (Lucknow) शहर में भी देखने को मिला है। सोमवार की शाम चौक स्थित छोटा इमामबाड़ा (Chhota Imambara) में मेहंदियंस संस्था द्वारा विरोध स्वरूप एक मजलिस का आयोजन किया गया। इस मजलिस में बड़ी संख्या में स्थानीय पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हुए और इजराइल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजलिस में नसरल्लाह की मौत के लिए इजराइल के साथ-साथ अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया गया।
Read more: Mirzapur: गौकशी मामले में बड़ी कार्रवाई, एसपी ने पूरी पुलिस चौकी को किया निलंबित
काले कपड़ें पहन किया विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान मजलिस में शामिल लोग काले कपड़े पहनकर शोक व्यक्त कर रहे थे। उनका कहना था कि सैयद हसन नसरल्लाह ने हमेशा इजराइल के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और फिलिस्तीन के समर्थन में मजबूती से खड़े रहे। इसी कारण इजराइल ने उन पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी। मौलाना फैजान अली वारसी ने मजलिस में बोलते हुए कहा, “सैय्यद हसन नसरल्लाह ने हमेशा ज़ालिमों के खिलाफ मजलूमों की लड़ाई लड़ी। उनका जीवन न्याय और सच्चाई के लिए समर्पित था।”
‘नसरल्लाह सबके नेता थे’
मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सकलैन बाकरी, मौलाना इस्तेफा रजा, और मौलाना अख्तर अब्बास जॉन ने भी नसरल्लाह के जीवन और उनके संघर्षों की सराहना की। उन्होंने कहा, “नसरल्लाह न शिया थे और न सुन्नी, वे सभी समुदायों के नेता थे। उन्होंने हमेशा न्याय की बात की और फिलिस्तीनियों को उनका हक दिलाने के लिए आवाज उठाई। नसरल्लाह ने अपने संघर्ष से इजराइल को लेबनान से बाहर निकाल फेंका था।”
इजराइली झंडे और बाइडेन के पोस्टर पैर से रौंदे
मजलिस के दौरान लोगों ने इजराइल और अमेरिका के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। छोटा इमामबाड़ा परिसर में इजराइल के झंडे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पोस्टर को इमामबाड़े की फर्श पर चिपकाया गया, जिसे प्रदर्शनकारियों ने पैरों से रौंदते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। इसके साथ ही इमामबाड़े के गेट पर सैयद हसन नसरल्लाह की आदमकद तस्वीर लगाई गई, जिसके साथ लोगों ने यादगार स्वरूप तस्वीरें खिंचवाईं।
नसरल्लाह की याद में तीन दिन का शोक
नसरल्लाह की मौत के बाद लखनऊ में शिया समुदाय द्वारा तीन दिन का शोक मनाया जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। छोटा और बड़ा इमामबाड़ा सहित कई स्थानों पर नसरल्लाह के पोस्टर लगाए गए हैं, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। इससे पहले भी इमामबाड़े पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
तालकटोरा में कैंडल मार्च का हुआ आयोजन
सोमवार की शाम राजधानी लखनऊ के तालकटोरा इलाके में भी नसरल्लाह की मौत के विरोध में कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इस मार्च में लोग अपने हाथों में मोमबत्तियां लेकर नसरल्लाह की रूह की शांति के लिए दुआएं मांगते नजर आए। इसके साथ ही लोगों ने इजराइल के इस कृत्य की कड़ी निंदा की और उसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
अमेरिका पर भी लगाए आरोप
प्रदर्शनकारियों ने इजराइल के साथ-साथ अमेरिका को भी इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि इजराइल को इस प्रकार के कृत्य करने की ताकत अमेरिका से मिल रही है, और अमेरिका की शह पर ही इजराइल इस तरह के हमले कर रहा है। मौलाना फैजान अली वारसी ने कहा, “अमेरिका की नीतियों के कारण ही इजराइल को दुनिया में अत्याचार करने की ताकत मिल रही है। हसन नसरल्लाह जैसे नेता, जो न्याय और सच्चाई के लिए लड़ते हैं, उनका जीवन समाप्त किया जा रहा है।”
Read more: Byju’s के सामने एक और संकट, 6000 कर्मचारियों को मिला TDS न चुकाने का नोटिस
लखनऊ में विरोध की लहर जारी
सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद लखनऊ में जिस प्रकार का विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उससे यह साफ है कि लोग इस घटना को लेकर गहरे सदमे में हैं। इजराइल और अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का गुस्सा उबल रहा है, और आने वाले दिनों में इस विरोध के और बढ़ने की संभावना है।
Read more: Kerala में फैल रहा है खतरनाक ‘दिमाग खाने वाला’ अमीबा, बढ़ते मामलों से मचा हड़कंप, जानें इसके लक्षण