Lucknow Nagar Nigam: लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी के छह सदस्यों का चुनाव निर्विरोध संपन्न हो गया है। कांग्रेस ने अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा, जिससे मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। भाजपा और सपा के घोषित प्रत्याशी निर्विरोध कार्यकारिणी में चुन लिए गए हैं। लखनऊ नगर निगम (Lucknow Nagar Nigam) की कार्यकारिणी के खाली छह पदों पर भाजपा के पांच और सपा के एक प्रत्याशी को निर्विरोध चुन लिया गया। कांग्रेस ने अपने मात्र तीन पार्षद होने के कारण चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।
भाजपा (BJP) के चुने गए सदस्यों में बाबू जगजीवन राम वार्ड के पार्षद भृगुनाथ शुक्ला, कुंवर ज्योति प्रसाद वार्ड की गौरी सांवरिया, मोतीलाल नेहरू चंद्रभानु गुप्त वार्ड की चरनजीत गांधी, बाजार कालीजी चौक के अनुराग मिश्रा अन्नू और खरिका प्रथम वार्ड के कृष्ण कुमार का नाम शामिल है। वहीं, सपा की अंबरगंज वार्ड की पार्षद सबा अहसन को निर्विरोध चुना गया है।
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कांग्रेस की स्थिति और बसपा का हाल
सदन में कांग्रेस (Congress) के केवल तीन पार्षद हैं, जिससे वह चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं थी। पिछले साल कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान ने चुनाव लड़ने का दावा किया था, लेकिन अंतिम समय में पर्चा दाखिल नहीं किया। इस बार किसी ने चुनाव लड़ने का दावा नहीं किया। वहीं, बसपा (BSP) के एकमात्र पार्षद अमित चौधरी तीन महीने पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे बसपा का प्रतिनिधित्व भी चुनाव में नहीं हुआ।
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भाजपा की रणनीति और सपा का समर्थन
लखनऊ (Lucknow) नगर निगम की 12 सदस्यीय कार्यकारिणी के छह सदस्य 14 जून को लॉटरी के माध्यम से रिटायर किए गए थे। उन्हीं रिक्त पदों पर चुनाव हुआ। जो छह सदस्य रिटायर हुए थे, उनमें भाजपा के पांच और सपा का एक सदस्य शामिल था। इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों दलों ने अपने प्रत्याशियों का चयन किया, ताकि क्रॉस वोटिंग और चुनाव की आवश्यकता न पड़े। भाजपा (BJP) ने अपने पांच प्रत्याशियों का चयन कर यह सुनिश्चित किया कि उनकी संख्या सदन में बरकरार रहे। वहीं, सपा ने अपने एकमात्र प्रत्याशी सबा अहसन को चुनकर अपनी मौजूदगी सुनिश्चित की।
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निर्विरोध चुनाव के मायने
इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बसपा (BSP) की अनुपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा और सपा के बीच प्रतिस्पर्धा को कोई चुनौती नहीं मिली। भाजपा ने अपने संगठनात्मक ताकत का प्रदर्शन किया और सपा ने भी अपनी स्थिति मजबूत रखने में सफलता पाई। लखनऊ नगर निगम कार्यकारिणी के लिए इस निर्विरोध चुनाव ने एक बार फिर से भाजपा और सपा की ताकत को प्रदर्शित किया है। कांग्रेस और बसपा की अनुपस्थिति ने इस चुनाव को और भी रोचक बना दिया। अब देखने वाली बात यह होगी कि नई कार्यकारिणी लखनऊ नगर निगम के विकास के लिए क्या कदम उठाती है।