Lucknow Building Collapse: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शनिवार शाम को सरोजनीनगर क्षेत्र में एक तीन मंजिला इमारत ढहने से मृतकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। इस घटना में घायल 30 से अधिक लोगों का उपचार विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है। घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, और पीएसी के जवान शामिल हैं। मलबे में फंसे लोगों की खोजबीन जारी है, हालांकि अब किसी के मलबे में फंसे होने की संभावना कम बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने जताया दु:ख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करके कहा कि लखनऊ में इमारत गिरने से हुई मौतें अत्यंत दुखद हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जबकि घायलों को 50,000 रुपये की राहत दी जाएगी।
पुलिस आयुक्त ने दिए जांच के निर्देश
पुलिस आयुक्त अमित वर्मा ने रविवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में हुए हादसे में आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 30 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। मलबे में किसी के फंसे होने की संभावना कम है, लेकिन राहत कार्य जारी है। वर्मा ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की जाएगी, जो घटना की सही वजह का पता लगाएगी।
मलबे से शवों की खोजबीन जारी
राहत कार्य में आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है। मलबे में फंसे लोगों की जानकारी के लिए सेंसर और ड्रोन की मदद ली जा रही है। घटना के समय इमारत में एक मोटर कंपनी और एक दवा कंपनी का गोदाम था, जिसमें कई लोग काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मृतकों की सूची
मृतकों में राज किशोर (27), रूद्व यादव (24), जगरूप सिंह (35), जसवीर सिंह साहनी (41), धीरज (48), पंकज तिवारी (40), अरुण सोनकर (28) और राजेश कुमार शामिल हैं। राहत और बचाव कार्य रातभर जारी रहा, जिसमें विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों के कर्मी सक्रिय थे। यह घटना न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। इमारतों के निर्माण और उनके रखरखाव में मानकों की अनदेखी के कारण ऐसी दुर्घटनाएँ होती हैं। सुरक्षा को प्राथमिकता देना कितनी महत्वपूर्ण है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही भारी कीमत चुका सकती है।
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