लोकसभा चुनाव 2024: आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी की नजरें बनी हुई हैं कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता मगर चुनाव को लेकर जोरशोर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी हैं और अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं।
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जानें सत्यपाल सिंह बघेल का जीवन परिचय
सत्यपाल सिंह बघेल उर्फ (एस० पी० सिंह बघेल) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वर्तमान में आगरा से लोकसभा सांसद हैं। बघेल भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। बतादें सत्यपाल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य है साथ ही वह आगरा से 17वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। राजनेता बनने और पार्टी में शामिल होने से पहले सत्यपाल सिंह बघेल यूपी पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहे, एसपी बघेल 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा में शामिल रहे है, जिसके बाद वह अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के बल पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया।
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जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर उतारा और वे 1998 में पहली बार विधायक बने और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। वहीं बीजेपी के राजनेता बनने से पहले वह समाजवादी पार्टी के सदस्य रहे, जिसमें वह तीन बार लोकसभा के लिए और एक बार बहुजन समाजवादी पार्टी के सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
सत्यपाल सिंह बघेल का जीवन और शिक्षा
सत्यपाल सिंह बघेल का जन्म 21 जून 1960 में भटपुरा, उमरी, इटावा जिला, यूपी के धनगर परिवार में हुआ था। उनके पिता रामभरोसे सिंह और माता रामश्री देवी हैं। वहीं अगर बघेल के वैवाहिक जीवन की बात करें तो उनकी शादी 30 नवंबर 1989 को हुई और उनके दो बच्चे हैं। अब अगर बात करें सत्यपाल के शिक्षा की तो उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में महाराजा जीवाजी राव विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेरठ विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। उनके पास कानून में स्नातक की डिग्री, विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री और डॉक्टरेट की डिग्री है।
वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, और वर्तमान में वह आगरा से लोकसभा के सदस्य हैं जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
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सत्यपाल सिंह का कैरियर
बात करें अगर सत्यपाल सिंह बघेल के कैरियर की तो बघेल ने 1998, 1999 और 2004 में, उन्होंने यूपी के जलेसर से लोकसभा में तीन बार समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। इन तीन कार्यकालों के बाद, बघेल को सपा पार्टी से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार के रूप में दो बार लोकसभा चुनाव लड़े। लेकिन उसमें भी वह असफल रहे। जिसके बाद 2014 में, बघेल राज्यसभा (राज्य परिषद) के लिए चुने गए, लेकिन फिर अगले चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार से हार गए।
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वहीं 3 जुलाई 2015 को, बघेल भाजपा ओबीसी मोर्चा (भारतीय जनता पार्टी की “अन्य पिछड़ा वर्ग” शाखा) के अध्यक्ष बने। 2017 में, बघेल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रतिनिधित्व करते हुए यूपी विधान सभा के सदस्य बने और 2017 का चुनाव टूंडला से विधायक रहे और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। जिसके बाद 2019 में वह बीजेपी के टिकट पर आगरा सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। पिछले दिनों मोदी कैबिनेट के विस्तार में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था।
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बघेल का सार्वजनिक कार्यालय
- सत्यपाल सिंह बघेल 1998 और 1999 में अधीनस्थ कानून, मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी समितियों के सदस्य थे।
- 1999 और 2000 में बघेल खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण समितियों और एक अनुमान समिति के सदस्य थे।
- 2000 और 2004 के बीच में उन्होंने गृह मंत्रालय और सार्वजनिक उपक्रम, विदेश मामलों और सदन में सदस्य उपस्थिति की समितियों में काम किया।
- 2022 विधानसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की करहल सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल को उनके खिलाफ चुनाव में उतारा था।
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आजादी के बाद से कब कौन बना सांसद
आगरा लोकसभा के अगर सांसदों की बात करें तो 1952 से लेकर 1971 तक आगरा सीट कांग्रेस के हाथों में रही। यहां से लगातार पांच बार सेठ अचल सिंह सांसद चुने गए। वहीं 1977 में इस सीट से भारतीय लोकदल के शंभूनाथ चतुर्वेदी ने चुनाव जीता। फिर 1980 में कांग्रेस ने फिर से परचम लेहराया और आगरा से निहाल सिंह सिंह सांसद बने। जिसके बाद 1984 में भी कांग्रेस के निहाल सिंह सांसद चुने गए। 1989 में जनता दल के अजय सिंह चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
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वहीं 1991 के आते ही 1998 तक आगरा सीट पर भाजपा ने राज किया और लगातार भगवान शंकर सिंह यहां से सांसद चुने गए। 1999 के चुनाव में ये सीट सपा ने कब्जा ली और राज बब्बर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। राजबब्बर 2004 का चुनाव भी जीता। जिसके बाद एक बार फिर भाजपा की किस्मत पलटी और 2009 के लोकसभा चुनाव से लगातार जीत हासिल की जिसके बाद से अब तक यहां बीजेपी भी कायम है। 2009 से लेकर 2014 तक भाजपा के राम शंकर कठेरिया सांसद चुने गए। 2019 में भी ये सीट भाजपा ने जीती लेकिन इस बार एसपी सिंह बघेल संसद पहुंचे।