लोकसभा चुनाव 2024: आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी की नजरें बनी हुई हैं कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता मगर चुनाव को लेकर जोरशोर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी हैं और अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं।
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जानें स्मृति ईरानी का प्रारम्भिक जीवन
स्मृति ज़ुबिन ईरानी का जन्म दिल्ली के मध्यम वर्गीय पंजाबी परिवार में 23 मार्च 1976 में हुआ था। इन्हें पंजाबी में स्मृति मल्होत्रा भी कहा जाता हैं। इनके पिता अजय कुमार मल्होत्रा पंजाबी परिवार से संबंधित है। वे एक छोटी सी कूरियर कंपनी चलाते हैं और इनकी मां बंगाली है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में ही शिक्षा ग्रहण की, यह एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री, महिला राजनीतिज्ञ और भारत सरकार के अन्तर्गत कपड़ा मन्त्री तथा महिला एवं बाल विकास मन्त्री हैं और इससे पूर्व वे मानव संसाधन विकास मन्त्री रह चुकी हैं। स्मृति को हमेशा से भारत में सबसे प्रगतिशील महिला राजनेताओं में गिना जाता है। शुरुआत में उन्होंने बीजेपी की महिला विंग की सेवा की और फिर गुजरात से राज्य सभा के लिए चुनी गई।
स्मृति सौन्दर्य प्रसाधनों के प्रचार से लेकर मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बनीं। मॉडलिंग में प्रवेश करने से पहले, वह मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर के पद पर कार्य कर चुकी हैं। जिसके बाद में वह मुम्बई चली आयीं, जहाँ उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का अहम किरदार निभाया था जिसके बाद वो हर घर में पसंद की जाने वाली अभिनेत्री बन गई।
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व्यक्तिगत जीवन
स्मृति ने शादी साल-2001 में जुबिन ईरानी पारसी से की। उनके दो बच्चे हैं – ज़ोहर ईरानी, और ज़ोइश ईरानी हैं। उन्हें साल 2001 में एक बेटा हुआ, जिसका नाम ‘जौहर’ है। सितंबर 2003 में उन्हें एक बेटी हुई, जिसका नाम ‘जोइश’ है। वे ‘शेनियल’ की सौतेली माँ भी है जो उनके पति जुबिन ईरानी और उनकी पहली पत्नी मोना ईरानी की पुत्री है।
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स्मृति ईरानी का कैरियर
स्मृति ने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद से ही पैसा कमाना शुरू कर दिया था और सौन्दर्य प्रसाधन के प्रचार करने लगी थीं। रूढ़ीवादी पंजाबी-बंगाली परिवार की तीन बेटियों में से एक स्मृति ने सारी बन्दिशें तोड़कर ग्लैमर जगत में कदम रखा। उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन गौरी प्रधान तेजवानी के साथ शीर्ष 9 तक नहीं पहुंच सकीं। इसके बाद स्मृति ने मुम्बई जाकर अभिनय के जरिए अपनी किस्मत बनाई। स्मृति ज़ुबिन ईरानी एक मॉडल थी और स्विमवीयर में फोटोशूट भी किया।
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उन्होंने वर्ष 2000 में टेलीवीजन सीरियल ‘हम है कल आज कल और कल’ के साथ अपने करियर की शुरुआत की, किन्तु उन्होंने एकता कपूर के सास बहू सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में लीड रोल निभाया। इसके साथ ही इनकी पहचान एक कलाकार के रूप में बन गई। स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने पांच सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी अवार्ड, चार इंडियन टेली अवार्ड और आठ स्टार परिवार पुरस्कार जीत चुकी हैं।
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वर्ष 2001 में उन्होने जीटीवी पर प्रसारित रमायण में सीता का किरदार निभाया था। वर्ष 2006 में उन्होने बालाजी टेलीफिल्मस के अन्तर्गत ‘थोड़ी सी जमीन और थोड़ा सा आसमान’ टीवी सीरियल में सह निदेशक की भूमिका अदा की। स्मृति ईरानी 2019 की मन्त्रिपरिषद में सबसे कम उम्र की मन्त्री थीं, उन्होंने मई 2019 में 43 साल की उम्र में कैबिनेट मन्त्री के रूप में शपथ ली थी।
स्मृति ईरानी का राजनीतिक जीवन
स्मृति ज़ुबिन ईरानी का राजनीतिक जीवन वर्ष 2003 में तब शुरू हुआ जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और दिल्ली के चाँदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से हार गईं। वहीं साल 2004 में इन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया गया। इन्हें पार्टी ने पांच बार केंद्रीय समिति के कार्यकारी सदस्य के रूप में मनोनीत किया और राष्ट्रीय सचिव के रूप में भी नियुक्त किया। वर्ष 2010 में उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की कमान सौंपी गई। वहीं साल 2011 में गुजरात से राज्यसभा की सांसद चुनी गई। इसी वर्ष इनको हिमाचल प्रदेश में महिला मोर्चे की भी कमान सौंप दी गई।
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जब भारतीय आम चुनाव, 2014 में स्मृति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी चुनौती दी। तो वो इस चुनाव में हार गईं, लेकिन राज्यसभा की सदस्य होने के नाते उन्हें भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया। 2019 के लोक सभा चुनाव ने स्मृति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को अमेठी में भारी मतों से हराया।
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जानें स्मृति की पुरस्कार और उपलब्धियाँ
- 2001 – भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार – आईटीए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नाटक के लिए (लोकप्रिय)
- 2002 – भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार – आईटीए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नाटक के लिए (लोकप्रिय)
- 2002 – इंडियन टेली अवार्ड्स – सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (लोकप्रिय)
- 2003 – भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार – आईटीए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नाटक के लिए (लोकप्रिय)
- 2003 – इंडियन टेली अवार्ड्स – सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (लोकप्रिय)
”सर्वश्रेष्ठ टीवी व्यक्तित्व” - 2003 – स्टार परिवार पुरस्कार – (पसंदीदा बहू) (पसंदीदा पत्नी)
- 2004 – भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार – आईटीए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नाटक के लिए (लोकप्रिय)
- 2004 – स्टार परिवार पुरस्कार – (पसंदीदा मां) (पसंदीदा सास)
- 2005 – भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार – आईटीए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार नाटक के लिए (लोकप्रिय)
- 2005 – स्टार परिवार पुरस्कार – पसंदीदा सास
- 2005 – Gr8! महिला अचीवर अवॉर्ड – सबसे अच्छा घर निर्माता पुरस्कार
- 2006 – स्टार परिवार पुरस्कार – पसंदीदा सास
- 2007 – इंडियन टेली अवार्ड्स – सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (ज्यूरी)
- 2007 – स्टार परिवार पुरस्कार – पसंदीदा सास
- 2007 – ज़ी अस्तित्व पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ टीवी व्यक्तित्व
- 2008 – स्टार परिवार पुरस्कार – विशेष मान्यता
- 2009 – गुजराती स्टेज पुरस्कार – सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
- 2010 – भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार – आईटीए माइलस्टोन अवार्ड
- 2014 – गर्व भारतीय टीवी पुरस्कार – बेस्ट टीवी दशक के व्यक्तित्व
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स्मृति ईरानी का राजनीतिक घटनाक्रम
- 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी से लोकसभा सीट जीतने के बाद 2019 में ईरानी अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य बनीं।
- जुलाई 2017 में, उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय (भारत) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था जब पूर्व मंत्री वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था।
- जुलाई 2016 में, कैबिनेट फेरबदल में ईरानी को एमएचआरडी से कपड़ा मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
- स्मृति ईरानी 2014 सदस्य, आपदा प्रबंधन संबंधी संसदीय मंच, सदस्य, शहरी विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति रहीं।
- ईरानी ने 2014 सदस्य, कोयला और इस्पात समिति बनीं।
- 2014 में स्मृति ने राहुल गांधी के खिलाफ रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ा।
- वहीं 2012 में उन्हें मीरा कुमार, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष के नेतृत्व में कंपाला में इंटर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 126 वीं आम सभा में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का सदस्य नियुक्त किया गया था।
- बात करें अगर 2011 की तो अगस्त 2011 में, वे गुजरात से राज्यसभा के सांसद के रूप में शपथ ली।
- 2010 में ईरानी को बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव और बीजेपी की महिला विंग, बीजेपी महिला मोर्चा का अखिल भारतीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- 2009 में विजय गोयल के लिए प्रचार करते समय, स्मृति ने बलात्कारियों के लिए एक निवारक के रूप में मौत की सजा की वकालत की।
- 2004 में उन्होंने कपिल सिब्बल के खिलाफ चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा। मगर वो इस चुनाव में हार गईं थी, फिर भी उन्हें कार्यकारी सदस्य के रूप में बीजेपी की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था।
- 2003 में स्मृति ईरानी ने बीजपी के महाराष्ट्रीय विंग में शामिल हो गई। बाद में 2004 में वे बीजेपी के महाराष्ट्र युवा विंग की उपाध्यक्ष बनी।
- 27 मई 2014 – 5 जुलाई 2016 नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने जून 2016 में छह नए विश्वविद्यालयों में नए योग विभाग शुरू करने की घोषणा की।
- वहीं 18 जुलाई 2017 से 14 मई 2018 तक सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रही।
- 5 जुलाई 2016 एम.वेंकैया नायडू की सीट खाली होने के बाद वे भारत सरकार में वस्त्र मंत्री बनी। उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया।
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स्मृति ईरानी ने साल 2003 में अपने राजनीति में कदम रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी को चुनना उचित समझा। कहा जाता है कि स्मृति के दादा आरएसएस (RSS) के सदस्य थे। वहीं 2004 में स्मृति ईरानी को पार्टी द्वारा महाराष्ट्र युवा विंग के उपाध्यक्ष का पद सौंपा गया और यहां से शुरू हुआ स्मृति ईरानी का राजनीति करियर आज एक नए मुकाम पर पहुंच चुका है।
अपने इस 19 साल के सफर में स्मृति ईरानी ने पार्टी की तरफ से दी गई कई सारी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। इतना ही नहीं साल 2014 में देश में हुए लोकसभा के चुनाव के लिए बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी के उस समय के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध स्मृति ईरानी को खड़ा किया था। जिसके बाद चुनाव में स्मृति को राहुल गांधी से हार मिली थी। लेकिन बीजेपी को इन चुनाव में मिली जीत के बाद स्मृति को केंद्रीय मंत्री बना दिया गया।
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स्मृति ईरानी से जुड़े विवाद
1- स्मृति ईरानी से जुड़े विवादों को सूची काफी लंबी है। स्मृति को अक्सर उनके फैसलों और दिए गए बयानों के चलते कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है।
2- साल 2004 में स्मृति ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था, कि उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री का पद को छोड़ देना चाहिए। स्मृति ने गुजरात दंगों को लेकर कहा था कि नरेंद्र मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
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3- स्मृति ईरानी को लेकर सबसे ज्यादा विवाद उनकी डिग्री को लेकर हुआ था। दरअसल स्मृति ईरानी ने सन् 2004 के लोकसभा चुनावों के लिए भरे गए अपने हलफनामें में अपनी उच्च शिक्षा बी.ए बताई थी, जो कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से की थी। वहीं जब स्मृति द्वारा 2014 के लोकसभा में जो हलफनामा भरा गया था, उस हलफनामें में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता बी.कॉम भरी थी।
4- मानव संसाधन विकास मंत्री रहते हुए जिस विवाद ने स्मृति को घेरा, वो नागपुर के विश्वेश्वराय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के चुने गए अध्यक्ष को लेकर हुआ था। स्मृति पर आरोप लगाए गए था कि उन्होंने इस पद के लिए विश्राम जामदार को इसलिए चुना क्योंकि उनका ताल्लुक आरएसएस से है।
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5- मानव संसाधन विकास मंत्रालय रहते हुए स्मृति ईरानी द्वारा केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ाई जाने वाली जर्मनी भाषा को विषयों से अलग करने के फैसले पर भी काफी विवाद हुआ था।
6- हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति पर कई आरोप लगाए गए थे। अखिल भारतीय विद्यालय परिषद (एबीवीपी) के द्वारा की गई शिकायत पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को वेमुला सहित दलित छात्रों के खिलाफ कठोर कदम उठाने को कहा था। जिसके कारण इस छात्र ने आत्महत्या कर ली थी।
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सम्मान और पुरस्कार
- 5 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार
- 4 बार इंडियन टेली पुरस्कार
- 8 बार स्टार परिवार पुरस्कार
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स्मृति ईरानी का फिल्म करियर (Movies Career)
- 2010 में, उन्होंने फिल्म ‘मलिक एक’ से हिंदी फिल्म की शुरूआत की।
- 2011 में, उन्होंने फिल्म ‘जय बोलो तलंगाना’ से तेलुगू में शुरूआत की।
- उन्होंने 2012 में फिल्म ‘अमृता’ से बंगाली फिल्म में शुरूआत की।
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स्मृति ईरानी का नेटवर्थ 2019 तक
- बात करें अगर नेटवर्थ की तो 11.11 करोड़ रूपए
- सैलरी – 1 लाख तथा अन्य भत्ते
- चल/अचल संपत्ति – चल: 3.83 करोड़ रूपए (2019 में) अचल: 7.28 करोड़ रूपए