पूर्व नेता अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी को 2019 में अलविदा कहा था। इसका कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ राजनीतिक मतभेद थे और पार्टी में खींचतान के बाद से ही अशोक तंवर ने कांग्रेस को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था, लेकिन एक बार फिर अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी में रखा कदम और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को को दिए बड़ा झटका। पूर्व सांसद अशोक तंवर ने महेंद्रगढ़ के गांव बवानिया में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस पार्टी का पटका पहनाकर स्वागत किया।
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लोकसभा सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे तंवर
अशोक तंवर हिसार से लोकसभा सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 5 अक्तूबर 2019 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे आप में शामिल हो गए थे। वे आप के हरियाणा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे। फिर उन्होंने आप भी छोड़ दी थी। आप से इस्तीफा देने के पीछे का कारण कांग्रेस-आप के गठबंधन को बताया था। इसके बाद जनवरी 2024 में तंवर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उन्हें सिरसा से टिकट दिया था। वे हार गए थे। अशोक तंवर ने साल 2022 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आप का दामन थामा था। इससे पहले वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्टी में थे।
राहुल के करीबियों में होती है गिनती
टीएमसी से पहले वह कांग्रेस में थे, जहां उन्होंने एक लंबी पारी खेली थी। एक समय में उनकी गिनती राहुल गांधी के करीबियों में होती थी। राहुल गांधी ने ही उन्हें फरवरी 2014 में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था। कांग्रेस में वह राष्ट्रीय सचिव व यूथ कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तकरार के बाद 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वह साल 2009 से 2014 तक सिरसा से सांसद भी रहे हैं।
5 साल बाद फिर हुई वापसी
पूर्व सांसद अशोक तंवर 5 साल बाद वापस कांग्रेस में आ गए हैं महेंद्रगढ़ की रैली में तंवर ने राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का दामन थाम लिया मंच पर उनके धुरविरोधी भूपिंदर सिंह हुड्डा भी थे। दिलचस्प बात है कि कांग्रेस में शामिल होने से एक घंटे पहले तक अशोक तंवर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए रैली कर रहे थे। अशोक तंवर दोपहर 12 बजे नलवा में रणधीर परिहार के पक्ष में प्रचार करते दिखे थे. प्रचार के दौरान उनके साथ मंच बीजेपी के दिग्गज नेता कुलदीप बिश्नोई और राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ थे उन्होंने इस दौरान बीजेपी की सरकार बनाने की अपील भी की तंवर ने इससे पहले जींद में एक रैली की थी यहां पर उन्होंने सफीदों से प्रत्याशी राम कुमार गौतम के लिए वोट मांगा थाl
ज्वॉइनिंग से पहले सैलजा सोनिया गांधी से भी मिलीं
2024 के लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर को बीजेपी ने सिरसा से उम्मीदवार बनाया था हालांकि, कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने उन्हें पटखनी दे दी अशोक तंवर के ज्वॉइनिंग से पहले सैलजा सोनिया गांधी से भी मिलीं कहा जा रहा है कि सैलजा और सोनिया की मुलाकात में ही तंवर की एंट्री को हरी झंडी मिली तंवर इसके बाद महेंद्रगढ़ के लिए रवाना हो गएl
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कांग्रेस में ही नहीं और तीन पार्टियों में रहे तंवर
अशोक तंवर 2019 से पहले हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उनकी जगह सैलजा की ताजपोशी कर दी. नाराज तंवर पार्टी छोड़ आप में चले गए. कुछ महीने आप में रहने के बाद तंवर ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।हालांकि, उन्हें वहां भी सफलता नहीं मिली तंवर इसके बाद बीजेपी में शामिल हो गए. तंवर को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सिरसा सीट से उम्मीदवार भी बनाया कहा जा रहा है कि तंवर विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट ही नहीं मिला इसके बाद से ही वे कांग्रेस में वापसी की कोशिशों में लग गए थे।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके तंवर
एनएसयूआई से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अशोक तंवर एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अशोक तंवर की गिनती एक वक्त राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी। 2009 में तंवर कांग्रेस के टिकट पर सिरसा सीट से सांसदी जीते थे।2014 में लोकसभा चुनाव से पहले तंवर को हरियाणा भेजा गया था हालांकि, वे हिट साबित नहीं हो पाए।