Priest Laxmikant Dixit Died: वाराणसी के प्रतिष्ठित आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का 86 वर्ष की आयु में शनिवार सुबह निधन हो गया है. उन्होंने तकरीबन 6.45 बजे अपने आवास पर अंतिम सांस ली. आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उनकी अहम भूमिका के लिए जाने जाते थे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया था. आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा.
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पिछले कुछ दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे
बताते चले कि लक्ष्मीकांत दीक्षित पिछले कुछ दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उनके परिजनों ने बताया कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके कुछ ही समय बाद उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन से की सूचना मिलने के बाद काशी और अयोध्या के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है. दीक्षित अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य थे. जनवरी में हुए रामलला की प्राण-प्रतिष्ठित पूजन में उन्होंने 121 पुजारियों के साथ अनुष्ठान को संपन्न किया था. उनके नेतृत्व में सम्पन्न हुए इस अनुष्ठान को व्यापक सराहना मिली थी.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन में शामिल थे
पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन में भी शामिल थे. भारतीय सनातन संस्कृति और परंपरा में उनकी गहरी आस्था थी. उनके पूर्वज नागपुर और नासिक रियासतों में धार्मिक अनुष्ठान कराते थे, और दीक्षित स्वयं पूजा पद्धति में सिद्धहस्त माने जाते थे. मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर निवासी लक्ष्मीकांत दीक्षित का परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रह रहा है.
उन्होंने अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा ली थी. वे वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे. बता दे कि आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान मंगलागौरी से निकलेगी और अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा. उनके निधन से भारतीय संस्कृति और धार्मिक समाज में एक अपूरणीय क्षति हुई है.
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लक्ष्मीकान्त दीक्षित के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक
पीएम मोदी ने लक्ष्मीकान्त दीक्षित के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,देश के मूर्धन्य विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी के निधन का दुःखद समाचार मिला.दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे। काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है.
सीएम योगी ने जताया दुख
आचार्य लक्ष्मीकांत के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि काशी के विद्वान व श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुजारी के निधन से गहरा दुख हुआ है. आचार्य जी संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति में दिए गए योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे.