UP Advocate Strike News: उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओ ने पिछले 17 दिनों की हड़ताल पर थे। हापुड़ में हुए लाठीचार्ज के बाद से ही पूरे प्रदेश के वकीलों ने हाईकोर्ट और अन्य अदालतों में अदालती कामकाज ठप था। वकीलों की हड़ताल के बाद से मुवक्किलों के अदालतों का काम नही हो पा रहा था। हापुड में पुलिस ने महिला अधिवक्ता के साथ अन्य वकीलों पर लाठी चार्ज करवाया था। जिसके बाद सभी वकील हापुड पुलिस की कार्यशैली से नाराज चल रहे थे। और हापुड के एडिशनल एसपी को हटाने की मांग चल रही थी।
यूपी के अलग-अलग जिलों में वकीलों पर दर्ज मुकदमें भी स्पंज होंगे। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर कमेटी गठित होगी। इसी के साथ शुक्रवार से यूपी के वकील काम पर लौटेंगे। इस दौरान यूपी बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय, अखिलेश अवस्थी, जानकी शरण पांडेय, प्रदीप कुमार सिंह और प्रशांत सिंह मौजूद रहे।
सीएम योगी हापुड के एडिशनल एसपी को हटाया
सूबे की योगी सरकार ने अधिवक्ताओं की सभी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद वकीलों ने हड़ताल को समाप्त करने का फैसला किया। आज यानी शुक्रवार से अधिवक्ता अपने-अपने काम पर लौटेंगे। UP बार काउंसिल और शासन के बीच हुई बैठक में कई मुद्दो पर चर्चा हुई। हापुड़ जिले के एडिशनल एसपी को भी हटाया जाएगा और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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कई दिनों से हड़ताल पर थे वकील
इससे पहले हापुड़ में अधिवक्ताओं पर पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को पूरे प्रदेश में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान वकीलों ने कई जिलों में विरोध जताया और पुतला भी फूंका। लखनऊ में वकीलों ने प्रदर्शन के लिए सभा की और इसके बाद बैरिकेडिंग तोड़ते हुए हजरतगंज की तरफ बढ़ चले, जहां पुलिसकर्मियों से उनकी तीखी नोकझोंक हुई।
वकीलों ने विरोध प्रदर्शन में सीएम का फूंका पुतला
पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा, लौटते समय रास्ते में वकीलों के एक झुंड ने मीडिया कर्मियों से अभद्रता की, गौरतलब है कि पुलिस ने कथित तौर पर 29 अगस्त को एक महिला अधिवक्ता और उसके पिता के खिलाफ पुलिस से झड़प के आरोप में मामला दर्ज किये जाने का विरोध कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। घटना के विरोध में प्रदेश के वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर थे।
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वकीलों की 17 दिनों तक चली हड़ताल
हापुड़ में हुए 29 अगस्त को लाठीचार्ज के बाद से ही पूरे प्रदेश के वकीलों ने हाईकोर्ट और अन्य अदालतों में अदालती कामकाज ठप था। उनकी हड़ताल धीरे-धीरे उग्र रूप ले रही थी। गुरुवार को वकीलों ने सूबे के हर जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी का पुतला फूंका। प्रयागराज से लेकर लखनऊ स्तर पर वकीलों ने भारी बवाल काट रखा था। लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान वकीलों और पुलिसवालों के बीच नोकझोंक भी हुई। घटना के विरोध में प्रदेश के वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर थे। जो हड़ताल लगभग 17 दिनो तक चली।
अधिवक्ताओं की क्या मांगे थी
राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश की और से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में 5 मांग की थी। इसमें दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करना व उनका तबादला किया जाना। दूसरी- यूपी में जहां भी आंदोलन के दौरान अधिवक्ताओं पर एफआईआर दर्ज हुई है, उन्हें वापस लिया जाए। तीसरी- पुलिस लाठीचार्ज में चोटिल हुए अधिवक्ताओं को मुआवजा दिया जाए। पांचवी- यूपी के हर जिले में एक ऐसी यूनिट बनाई जाए, जहां अधिवक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा सके।