Kedarnath News: उत्तराखंड की केदारनाथ यात्रा में मौसम ने बड़ी बाधा पैदा कर दी है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। सोमवार देर शाम को केदारघाटी में सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर भूस्खलन के कारण पांच तीर्थ यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में घायल श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिछले दो महीनों में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और अतिवृष्टि के कारण कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 तीर्थयात्री अब भी लापता हैं।
सोनप्रयाग में भूस्खलन की घटना
सोमवार की शाम सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र में लगातार पत्थर गिरने की सूचना मिली। इसके चलते कुछ लोग फंस गए थे। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। तीन घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें जीवच तिवारी (60) नेपाल, मनप्रीत सिंह (30) पश्चिम बंगाल, और छगनलाल (45) मध्य प्रदेश शामिल हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में आयी कई चुनौतियां
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया और बाबा केदार से यात्रियों की सुरक्षा की कामना की। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लगातार पत्थर गिरने की वजह से स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गई। मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका के चलते एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, और पुलिस ने रात के समय भी रेस्क्यू अभियान जारी रखने का निर्णय लिया। हालांकि, खराब मौसम और मलबा गिरने की वजह से रेस्क्यू कार्य बाधित हो गया। मंगलवार सुबह मौसम में सुधार होते ही रेस्क्यू टीमों ने पुनः मलबा हटाने का काम शुरू किया।
सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर यातायात प्रतिबंधित
सोनप्रयाग हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने घटनास्थल का दौरा किया और घटना की समीक्षा की। उन्होंने गौरीकुंड में सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया और यात्रियों की आवाजाही के समय पर गहन जांच की। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड और गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच शाम पांच बजे के बाद आवाजाही पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी ने मंगलवार शाम को प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस और यात्रा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को प्रत्येक यात्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी और उन्हें सुरक्षित मार्ग पार कराने का निर्देश दिया।
केदारनाथ यात्रा में भूस्खलन की घटनाओं ने इस धार्मिक यात्रा को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। मौसम की मार और भूस्खलन की वजह से यात्रा मार्ग पर सुरक्षा को लेकर कड़ी निगरानी की जरूरत है। प्रशासन और रेस्क्यू टीमों की तत्परता के बावजूद, इन प्राकृतिक आपदाओं ने यात्रियों की सुरक्षा को एक बड़ा सवाल बना दिया है।