ग्वालियर: ग्वालियर की सिटी सेंटर इलाके की पॉश टाउनशिप में भूमाफियाओं द्वारा प्लॉट लेने वालों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है जहां बिना किसी मालिकाना हक के अपने पार्टनर से एक हजार रुपए के स्टाम्प पर एग्रीमेंट करवाकर पर 60 से 70 प्लॉट खरीददारों को बेच दिए गए, इस मामले में अब कोर्ट में संज्ञान लेते हुए धोखाधड़ी के शिकार और याचिकाकर्ता नवीन शिवहरे को स्टे ऑर्डर दे दिया है, लेकिन इस सब में यह 70 80 लोगों ने प्लॉट खरीदे हैं उनके करोड़ों की रकम फँस गई है, और जिम्मेदार अधिकारी कैमरे के सामने आने को तैयार नहीं हैं।
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ग्वालियर में भू माफिया द्वारा ठगी के सैंकड़ों मामले सामने आते रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि रजिस्ट्रार कार्यालय नगर निगम जिला प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से लगभग 60-70 लोगों की जीवन भर की मेहनत की कमाई पर डाका डाला गया है, ताजा मामला सिटी सेंटर इलाके की कॉस्मो आनंदा टाउनशिप का है। जहाँ के संचालकगणों अरविंद अग्रवाल, जयदीप अग्रवाल समेत विभिन्न पार्टनरों ने शासन प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अब तक की सबसे बड़ी ठगी को अंजाम दिया है।
आठ बीघा भूमि पर स्टे ऑर्डर
टाउनशिप के संचालक गणों ने फरियादी नवीन शिवहरे से एक हजार रुपए के स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट करवा कर अपनी जिंदगी भर की पूँजी से अपना आशियाना बनाने आए लोगों को प्लॉट बेच दिए, फरियादी नवीन शिवहरे ने जब इसकी शिकायत जिला प्रशासन नगर निगम टाउन एंड कंट्री प्लानिंग राजस्व समए अलग अलग विभागों में की भू माफियाओं से मिली भगत होने के चलते किसी ने भी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटाई, वहीं उसके बाद तक हारकर पीड़ित नवीन शिवहरे ने कोर्ट की शरण ली तो कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए आठ बीघा भूमि पर स्टे ऑर्डर दे दिया।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जिन 60-70 लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई से मकान बनाने के लिए प्लॉट खरीदे और उनमें से कई लोगों ने अपने मकान भी बनाने शुरू कर दिए हैं, लेकिन जिला प्रशासन रजिस्ट्रार और इस टाउनशिप को परमीशन देने वाले नगर निगम के अपराध की भरपाई यहाँ भोले भाले नागरिकों को करना पड़ रही है, और प्लॉट बेचकर लोगों को ठगने वाले भू माफिया मौके से गायब हैं और पुलिस द्वारा टाउनशिप में पहुँचने के बाद भी नजर नहीं आए हैं।