Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी जनपद में बाढ़ का खतरा एक बार फिर सिर उठाने लगा है। लगातार हो रही बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के चलते शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। पलिया-भीरा मार्ग पर पानी बहने लगा है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है और क्षेत्र में चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार सुबह पलिया-भीरा मार्ग पर भारी बारिश के कारण पानी का तेज बहाव देखने को मिला। एक रोडवेज बस पानी में बहते समय अनियंत्रित हो गई, जिससे सड़क के किनारे लटक गई। गनीमत रही कि बस पलटी नहीं। बस के यात्री घबराहट और चीख-पुकार के साथ सुरक्षित बाहर निकल गए। जिला प्रशासन ने इस मार्ग पर आवागमन को रोक दिया है।
उत्तरी जिलों में बाढ़ का संकट
उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद जिलों में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के कारण मकान गिरने, पुलों में दरारें आने और सड़कों पर पानी भरने से स्थिति भयावह हो गई है। अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनभर से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पलिया-भीरा मार्ग पर बाढ़ की स्थिति
पहाड़ों और तराई क्षेत्र में भारी बारिश के बाद बनबसा बैराज से सुबह 10 बजे तक करीब दो लाख 58 हजार क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप पलिया-भीरा मार्ग पर पानी बहने लगा है, सड़क पर डेढ़ फुट से अधिक पानी भर गया है। शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे सवारियों को लेकर पलिया आ रही रोडवेज बस पानी से गुजरते समय अनियंत्रित हो गई।
प्रशासन की तत्परता और सावधानियाँ
प्रशासन ने पलिया-भीरा मार्ग पर आवागमन बंद कर दिया है और गोविंदनगर, भानपुरी खजुरिया में बाढ़ की आशंका को देखते हुए लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है। एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने बताया कि वह लगातार बनबसा बैराज के संपर्क में हैं और 2.58 लाख क्यूसेक पानी रिलीज होने के बाद दोपहर तक और पानी आने की संभावना है। इस कारण से ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है और क्षेत्र में नजर रखने के लिए टीमों को सक्रिय किया गया है। लखीमपुर खीरी में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है।
लगातार बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके कारण सड़कें जलमग्न हो गई हैं और जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। प्रशासन ने आपातकालीन उपाय किए हैं, लेकिन स्थिति पर नजर बनाए रखना आवश्यक है ताकि जनहानि को रोका जा सके और प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाई जा सके।
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