बिहार (मोतिहारी): संवाददाता- प्रमोद कुमार
Motihari: संसाधन विभाग के तत्वाधान में राजेंद्र नगर भवन में श्रम अधिकार दिवस का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि कानून मंत्री, बिहार सरकार ,डा. शमीम अहमद एवं अध्यक्ष, जिला परिषद ममता राय द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
सत्य प्रकाश, श्रम अधीक्षक द्वारा मंत्री को पौधा देकर सम्मानित किया गया । उक्त कार्यक्रम में बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निबंधित निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के बारे में एवं ऑनलाइन आवेदन कैसे करना है। श्रमिकों को विस्तृत जानकारी दी गई । श्रम संसाधन विभाग अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की विवरण निम्म है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
मातृत्व लाभ- प्रथम दो प्रसवो के लिए, पितृत्व लाभ – श्रमिक की पत्नी निबंधित नहीं होने की स्थिति में श्रमिक के प्रथम दो संतानों के लिए लाभ। शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता- निर्माण श्रमिकों के बच्चों के पढ़ाई के लिए सहायता दी जाती है। नकद पुरस्कार – निबंधित निर्माण श्रमिक के दो संतानों को मैट्रिक या इंटर में प्रथम श्रेणी से पास होने के उपरांत लाभ भी जाती है। विवाह के लिए वित्तीय सहायता- निबंधित निर्माण श्रमिकों के पुत्री के विवाह उपरांत इस योजना से लाभान्वित किया जाता है। साइकिल क्रय योजना, औजार क्रय योजना, भवन मरम्मती अनुदान योजना- निबंधित निर्माण श्रमिक को उनके भवन की मरम्मती के लिए सहायता के रूप में राशि दी जाती है।
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₹1000 की राशि पेंशन के रूप में दी जाती
वार्षिक वस्त्र सहायता योजना- इस योजना अंतर्गत निर्माण श्रमिकों को वस्त्र खरीदने के लिए प्रति वर्ष उनके खाते में राशि अंतरित की जाती है। पेंशन योजना – निर्माण श्रमिक की उम्र 60 वर्ष हो जाने के उपरांत उनको प्रति माह ₹1000 की राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। परिवारिक पेंशन- पेंशन धारी की मृत्यु के पश्चात पेंशन धारी को प्राप्त राशि का 50% उनके आश्रित को पेंशन के रूप में दी जाती है। विकलांगता पेंशन- निबंधित निर्माण श्रमिक को विकलांग होने की स्थिति में विकलांगता पेंशन दी जाती है।
दाह संस्कार हेतु आर्थिक सहायता, या सहायता निर्माण श्रमिक के मृत्यु के उपरांत उनके निकटतम आश्रित को दी जाती है। मृत्यु लाभ – निर्माण श्रमिकों के मृत्यु उपरांत उनके निकटतम आश्रित को स्वाभाविक मृत्यु की स्थिति में दो लाख एवं दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में ₹4 लाख का अनुदान दी जाती है। साथ ही 16 प्रकार की योजनाओं से संबंधित जानकारी दी गई
आश्रितों को 27 लाख 38 हजार का डम्मी चेक प्रदान किया
माननीय मंत्री के हाथों से बाल श्रम से विमुक्त बच्चों को FD की प्रति, श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित हुए श्रमिकों को एवं बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना-2008 एवं बिहार शताब्दी और असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना-2011 के अंतर्गत अमृत श्रमिकों के आश्रितों को 27 लाख 38 हजार का डम्मी चेक प्रदान किया गया । दूर-दूर से आए श्रमिकों को आने और जाने का भाड़ा सहित 1 दिन की सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी 405 रुपए प्रति श्रमिकों को भुगतान किया गया साथ ही श्रमिकों को समुचित खानपान की व्यवस्था भी की गई ।