Election Results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में समाजवादी पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है.इंडिया गठबंधन को सपा प्रमुख अखिलेश यादव यूपी में लीड कर रहे थे जिनकी समझदारी और कैंडिडेट सेलेक्शन में अपनाई गई रणनीति की वजह से गठबंधन का यूपी में अच्छा खासा प्रदर्शन देखने को मिला.अकेले सपा ने इस बार 37 सीटों पर जीत हासिल की है इनमें से ज्यादातर वो सीटें रही जहां पिछले 2 लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने जीत हासिल की थी लेकिन इस बार ये सीटें बीजेपी के हाथों से निकल गई और उसे केवल 33 सीटों पर ही जीत मिल सकी।
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सपा का अब तक का UP में सबसे अच्छा प्रदर्शन
1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक का लोकसभा चुनाव में सपा का ये सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है.2004 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने यूपी में सबसे ज्यादा 36 सीटें जीतीं थी इनमें से एक सीट उत्तराखंड की भी शामिल थी जबकि 35 सीटों पर सपा को यूपी में जीत मिली थी.इस बार के चुनाव में अखिलेश यादव ने पार्टी के उस पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.अखिलेश यादव की रणनीति पीडीए (पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यक) इस बार के लोकसभा चुनाव में काम कर गई है.इसी के दम पर सपा देश तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
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UP की राजनीति से दूरी बनाएंगे अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी को 33.59 फीसदी वोट मिले है.अखिलेश यादव इस बार कन्नौज सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं और वर्तमान में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा विधायक हैं इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी उनके पास है.कन्नौज से चुनाव जीतने के बाद अब अखिलेश यादव को विधानसभा या लोकसभा दोनों में से किसी एक सीट को चुनना होगा.सपा ने यूपी में 37 सीटें हासिल की है जिसके बाद लोगों के मन मे ये सवाल उठ रहा है अगर अखिलेश यादव अब केंद्र की राजनीति में जा रहे हैं तो उन्हें प्रदेश की राजनीति छोड़नी पड़ेगी इसके लिए उन्हें विधानसभा के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष का पद भी छोड़ना पड़ेगा ऐसी स्थिति में यूपी में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी कौन संभालेगा ये बड़ा सवाल है।
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शिवपाल यादव को मिल सकती है UP में बड़ी जिम्मेदारी
नियमानुसार एक शख्स एक ही सीट पर रह सकता है तो इसके अनुसार अखिलेश यादव विधानसभा से इस्तीफा देकर लोकसभा सीट को अपने पास रखेंगे तो उस स्थिति में यूपी में सपा को नया नेता प्रतिपक्ष चुनना होगा.अखिलेश यादव की जगह उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव नेता प्रतिपक्ष के लिए उनकी पहली पसंद हो सकते हैं.पिछले कुछ चुनावों में शिवपाल यादव ने जिस तरह से पार्टी और संगठन की जिम्मेदारी संभाली है इसका उन्हें तोहफा मिल सकता है.शिवपाल यादव ने बेटे आदित्य यादव को बदायूं सीट से जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी यहां आदित्य यादव ने सपा की ओर से जीत हासिल की है.शिवपाल यादव के साथ आने के बाद सपा ने मैनपुरी,घोसी उपचुनाव और अब लोकसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया है।