Kota Student Death: राजस्थान का कोटा जिला, जहां शिक्षा की तैयारी के लिए छात्र देशभर से आते हैं, एक बार फिर से दो छात्रों की आत्महत्या के मामले से हिल गया है। जहां एक छात्र राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) की तैयारी कर रहा था, वहीं दूसरा स्थानीय स्कूली छात्र था।
इन घटनाओं ने फिर से कोटा में छात्रों के मानसिक तनाव और आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर ध्यान आकर्षित किया है। कोटा में आत्महत्या के मामलों में गिरावट के तमाम प्रयासों के बावजूद यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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यूपी के छात्र की NEET की तैयारी के दौरान आत्महत्या
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी 20 वर्षीय आशुतोष चौरसिया, जो कोटा में NEET-UG की तैयारी कर रहा था, ने बुधवार रात अपने पीजी (पेइंग गेस्ट) कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को इस मामले की जानकारी तब मिली जब छात्र के कमरे का दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो आशुतोष छत के पंखे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं पाया है, जिससे उसकी आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
दादाबाड़ी थाने के निरीक्षक नरेश मीना ने बताया कि मृतक आशुतोष पिछले छह महीनों से अपने चचेरे भाई के साथ कोटा में रह रहा था और NEET-UG की तैयारी कर रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह मानसिक बीमारी से पीड़ित था और उसका इलाज भी चल रहा था। यह घटना कोटा में कोचिंग छात्रों के मानसिक तनाव को दर्शाती है, जो पिछले कई वर्षों से आत्महत्या के बढ़ते मामलों का कारण बनी है।
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कोटा के स्कूली छात्र की आत्महत्या
दूसरी घटना कोटा के आरके पुरम थाना क्षेत्र में घटित हुई, जहां एक स्कूली छात्र ने तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। छात्र का नाम भावेश था, जिसे कुछ दिन पहले स्कूल प्रशासन द्वारा टर्मिनेट करने की चेतावनी दी गई थी। भावेश को कथित रूप से तनाव में देखा जा रहा था, और परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनी ही उसके इस कदम का कारण बनी।
स्कूल टीचर्स ने छात्र के बैग से कुछ आपत्तिजनक सामग्री पाई थी, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने उसे टर्मिनेट करने की चेतावनी दी थी। हालांकि, परिजनों को बुलाकर समझाइश दी गई थी, फिर भी छात्र भावेश मानसिक तनाव में था। गुरुवार को उसने अपने मकान की तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
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आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी
इस साल कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। इन दो घटनाओं के बाद, 2024 में अब तक 16 छात्रों ने आत्महत्या की है। पिछले साल 2023 में यह आंकड़ा 26 था। कोटा में छात्रों के आत्महत्या के मामलों को देखते हुए प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं दिखाई दे रहे हैं।
छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कोटा प्रशासन और कोचिंग संस्थानों द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, यह समस्या कम होती नहीं दिख रही है। अब पुलिस इन दोनों मामलों की जांच कर रही है, लेकिन यह सवाल फिर से खड़ा हो गया है कि छात्रों पर पढ़ाई का दबाव और मानसिक तनाव कैसे कम किया जाए ताकि ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके।