Lucknow News: कोलकाता में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप और हत्या की घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है। इस घटना से आहत होकर लखनऊ (Lucknow) के केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों का गुस्सा फिर भड़क उठा हैं। केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों ने सारा कामकाज ठप कर दिया है, जिससे ओपीडी पंजीकरण ठप होने से मरीजों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों का विरोध जारी है।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश में भी रात के 12 बजे से प्रदेश के 3 हजार डॉक्टर हड़ताल पर जाने वाले हैं। यह बंगाल में हुई दरिंदगी और हिंसा के खिलाफ डॉक्टरों की क्रांति है। केजीएमयू में अचानक रेजिडेंट डॉक्टरों के बिगड़े रुख से केजीएमयू प्रशासन सकते में है।
लखनऊ में डॉक्टरों का जोरदार प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉक्टरों का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला। लखनऊ में केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। डॉक्टर केजीएमयू के गेट नंबर 2 पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ फैकल्टी मेंबर और टीचर भी शामिल हुए हैं। इस प्रदर्शन से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं।
बलरामपुर अस्पताल में ठप ओपीडी सेवाएं
बलरामपुर अस्पताल में शुक्रवार को ओपीडी का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया गया है। ओपीडी में पर्चा बनाने से लेकर दवा वितरण तक बंद है। खून की जांचें नहीं हो रही हैं। डीएनबी छात्रों ने सभी प्रकार के काउंटर बंद करवा दिए हैं। ओपीडी में फर्श पर बैठकर नारेबाजी की जा रही है। अस्पताल प्रशासन मरीजों को इलाज मुहैया कराने में लाचार है। मरीज और तीमारदार बेहाल हैं। छात्र कोलकाता के आरोपी को कठोर सजा देने और डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग पर अड़े हैं।
लोहिया संस्थान में भी विरोध प्रदर्शन
उधर, लोहिया संस्थान में जूनियर और सीनियर रेजिडेंट का कार्य बहिष्कार जारी है। प्रशासनिक भवन के बाहर बैठकर नारेबाजी की जा रही है। इस विरोध प्रदर्शन से संस्थान की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। कोलकाता की घटना ने देशभर के लोगों को जिस तरह से आक्रोशित किया इससे इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह कितनी हृदयविदारक घटना है। पूरे देश की यह आस लागए हुए है कि कब उन दोषियों को सजा मिलेगी और कब मृतक डॉक्टर और उनके परिवारवालों को इंसाफ। अब देखना यह है कि यह केस आगे क्या मोड़ लेता है?