Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हाल ही में घटित रेप और मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कड़े केंद्रीय कानून की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया था कि देशभर में रोजाना 90 रेप के मामले सामने आते हैं, जिनमें से कई में पीड़ितों की हत्या कर दी जाती है। इसके मद्देनजर उन्होंने त्वरित सुनवाई और कड़े दंड के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना की मांग की थी।
केंद्र ने ममता बनर्जी के पत्र का जवाब दिया
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी के पत्र का जवाब देते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया। मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल को रेप और बाल यौन अपराधों के मामलों की सुनवाई के लिए 123 फास्ट-ट्रैक कोर्ट आवंटित किए गए हैं, लेकिन इनमें से कई कोर्ट अभी भी चालू नहीं हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इन फास्ट-ट्रैक कोर्ट को शुरू करने के लिए अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।
फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थिति पर सवाल
मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राज्य में अभी भी 48,600 पॉक्सो और रेप मामलों का लंबित होना चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार ने फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के लिए एक योजना शुरू की थी, जिसके तहत 30.06.2024 तक 752 फास्ट-ट्रैक कोर्ट कार्यरत हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल को आवंटित 123 फास्ट-ट्रैक कोर्ट में से केवल 6 स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ही काम कर रही हैं, जबकि बाकी कोर्ट अभी भी बंद हैं।
केंद्रीय मंत्री ने की आलोचना
केंद्रीय मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार की महिला हेल्पलाइन, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली और चाइल्ड हेल्पलाइन जैसी प्रमुख आपातकालीन सेवाओं को लागू करने में विफलता के लिए आलोचना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त कानूनी ढांचा और न्यायिक प्रक्रियाओं की आवश्यकता है और इसके लिए राज्य सरकार को पूरी तरह से संवेदनशील रहना चाहिए।
केंद्र सरकार की पहल और राज्य सरकार की जिम्मेदारियां
अन्नपूर्णा देवी ने स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी ढांचा काफी सख्त है। हालांकि, कानून के इन प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल सरकार महिलाओं और बच्चों के सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी और एक सुरक्षित और समान समाज का निर्माण करेगी।
मुख्यमंत्री की मांग और केंद्रीय मंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्र में केंद्रीय कानून की मांग करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों को 15 दिनों के भीतर कठोर सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए और फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई और कानून की अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को और अधिक सक्रियता की सलाह दी।