एनसीआरबी की रिपोर्ट में देश के महानगरों में से कोलकाता को सबसे सेफ सिटी घोषित किया गया है। वहीं पुणे में 256.8 और हैदराबाद में 259.9 संज्ञेय अपराध दर्ज हुआ था।
TMC vs BJP on NCRB Report: 3 दिसंबर को जारी NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सुसाइड हुए। इसमें पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर को लगातार तीसरे साल भारत का सबसे सुरक्षित शहर बताया गया है। इसको लेकर अब बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
दिल्ली में आत्महत्या के मामले 21% बढ़े…
महानगरों की बात करें तो दिल्ली में सबसे ज्यादा 3,367, बेंगलुरु में 2,313, चेन्नई में 1,581 और मुंबई में 1,501 लोगों ने पिछले साल आत्महत्या की। दिल्ली में 2021 की तुलना में आत्महत्या के मामले 21% बढ़े हैं। देश में 2021 के मुकाबले यह आंकड़ा 4.2% बढ़ा है।
महुआ मोहत्रा ने बंगाल सरकार की कानून व्यवस्था पर जताई खुशी…
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एनसीआरबी डेटा पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इन आंकड़ों ने बंगाल सरकार की कानून व्यवस्था को अच्छे से संभालने पर मुहर लगा दी है, और बीजेपी के प्रचारित झूठ को उजागर कर दिया है। इन आंकड़ों का हवाला देते हुए महुआ ने बीजेपी और उनकी ट्रोल आर्मी पर भी खूब तंज कसा एनसीआरबी आंकड़ों के मुताबिक, कोलकाता में प्रति लाख लोगों पर संज्ञेय अपराध के 86.5 मामले दर्ज किए गए। इस आंकड़े ने कोलकाता को पुणे (महाराष्ट्र) और हैदराबाद (तेलंगाना) से आगे रखा है।
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एनसीआरबी डेटा गलत है…
बीजेपी की बंगाल ब्रिगेड ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा भेजा गया एनसीआरबी डेटा गलत है, राज्य में मामले दर्ज नहीं होते हैं, इसलिए डेटा से पता चलता है कि कोलकाता देश का सबसे सुरक्षित शहर है। बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि इस डेटा पर खुशी मनाना ‘ममता बनर्जी का दोहरा चरित्र’ है।
‘सबसे सेफ’ शहर बनाने में लोगों का भी बड़ा योगदान- सैयद वकार रज़ा
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त आईपीएस सैयद वकार रज़ा का कहना है कि कोलकाता पुलिस हमेशा शहर को लोगों के लिए सुरक्षित बनाने का प्रयास करती है चाहे वह अपराध की घटनाओं के मामले में हो या यातायात दुर्घटनाओं के मामले में। उन्होंने हजारों पुलिसकर्मी और महिलाओं के अलावा शहर को सुरक्षित बनाने का श्रेय कोलकाता के लोगों को भी जाता है जिनके साथ हमारा बहुत मजबूत संबंध है। उन्होंने हमेशा मदद के लिए हाथ बढ़ाया है और देश का ‘सबसे सेफ’ शहर बनाने में योगदान दिया है।
2022 में भोपाल कमिश्नरेट में दुष्कर्म के सबसे अधिक 393 केस दर्ज किए गए। दूसरे नंबर पर इंदौर रहा। यहां 359 मामले दर्ज हुए।