Kolkata Case: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और उसके बाद हत्या का मामला इस पूरे देश में तूल पकड़े हुए है. इस ममाले को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे है. कोलकाता (Kolkata) में भी डॉक्टरों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया…जिसको लेकर सीएम ममता पर कई आरोप लगाए गए.अब इसको लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों को कोई धमकी नहीं दी है. दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले के विरोध में जूनियर डॉक्टर पिछले 21 दिनों से काम बंद करके सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है और उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कुछ भी अपशब्द नहीं कहा है.
प्रदर्शनकारियों के समर्थन का दावा
बताते चले कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा, “मैं प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ कुछ भी नहीं बोली. मैं उनके आंदोलन का समर्थन करती हूं. उनका प्रदर्शन करना स्वाभाविक है. जैसा कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं, मैंने उन्हें धमकी नहीं दी. यह आरोप बिलकुल झूठे हैं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है और कुछ लोग इसे राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.
काम पर लौटने की अपील और विरोध
आपको बता दे कि बुधवार को तृणमूल छात्र परिषद के एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जूनियर डॉक्टरों से तुरंत काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वह डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करना चाहती हैं. हालांकि, उनके इस बयान को प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने धमकी के रूप में लिया और उन्होंने काम पर लौटने से इनकार कर दिया. इस पर ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उनकी बात का यह मतलब नहीं था और उन्होंने सिर्फ अपील की थी, कोई धमकी नहीं दी थी.
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सीएम ममता ने बीजेपी पर साधा निशाना
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इस मौके पर बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “मैंने बीजेपी के खिलाफ बयान दिया है, क्योंकि केंद्र सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं. वे अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने इसके खिलाफ आवाज उठाई है.” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और बीजेपी राज्य में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और इस मुद्दे को भी इसी राजनीति के तहत उठाया जा रहा है.
महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी का मामला
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दरिंदगी की घटना ने राज्य में सनसनी फैला दी है. यह घटना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात की है. मृतक डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं. गुरुवार रात ड्यूटी खत्म करने के बाद, उन्होंने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया, लेकिन इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला। शुक्रवार सुबह चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल में उनका अर्धनग्न शव मिला, जिससे कॉलेज में हड़कंप मच गया.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि
पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया था. शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले थे. रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतका के मुंह और आंखों पर घाव थे. गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर भी चोट के निशान थे. इस वीभत्स घटना ने राज्य में आक्रोश को जन्म दिया है, और इसके विरोध में जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन जारी है.
इस पूरे मामले ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरमा दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जहां डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन करने का दावा किया है, वहीं उनके बयानों को धमकी के रूप में लिए जाने से विवाद गहराता जा रहा है. साथ ही, महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध ने राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं.