Mission Gaganyaan: ISRO ने दो सफलता पाने के बाद अपना पहला कदम गगनयान की ओर बढ़ाया हैं। बता दे कि शनिवार को ISRO ने मिशन गगनयान की टेस्ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया हैं। वहीं इस टेस्ट फ्लाइट को दूसरे प्रयास में भेजा गया क्योंकि पहले से निर्धारित लॉन्च को पांच सेंकेड पहले रोक दिया गया था।
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अतरिक्ष में इंसानों को भेजने की राह
आपको बता दे कि शनिवार (21 अक्टूबर) को सुबह 10 बजे ISRO ने मिशन गगनयान की टेस्ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक पूरा किया।
जिसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने लॉन्च के बाद कहा, “मुझे टीवी-डी1 की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। “अतरिक्ष में इंसानों को भेजने की राह में इसरो का पहला कदम, क्या है मिशन गगनयान?
90 बिलियन रूपये खर्च किए जाएंगे
गगनयान मिशन में 90 बिलियन रूपये खर्च किए जाएंगे। गगनयान मिशन का अंतिम चरण तब खत्म होगा जब एक अंतरिक्ष यान में तीन इंसान को बैठाकर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। मिली कुछ जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि यह 2025 तक संभव है।
पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना इसरो का लक्ष्य
बता दे कि गगनयान में सवार अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना इसरो का लक्ष्य है। इसरो के मुताबिक, इस मिशन के लॉन्च होने के तीन दिन बाद अंतरिक्ष यात्रियों को वापस धरती पर लैंड कराया जाएगा। लेकिन इन सब कवायदों से पहले इसरो कई स्तर पर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस मिशन में कोई कमी न रह जाए, इसलिए वह टेस्ट फ्लाइट कर रहा है। इसरो को यह दिखाना था कि इंसानों को ले जाने वाला कैप्सूल सुरक्षित रूप से घरती पर वापस लौट सकता है।
एजेंसी टेस्टिंग फेज में काम करेगी
बता दे कि ISRO के मुताबिक वह पांच स्तर पर इस मिशन को प्लान कर रही है, जिसमें चार बार एजेंसी टेस्टिंग फेज में काम करेगी। सबसे पहले कई सारे ड्रॉप टेस्ट किए गए हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि हवा से जमीन पर कैप्सूल गिरने से क्या कोई नुकसान हो रहा है या नहीं। इसके बाद टेस्ट व्हीकल मिशन को प्लान किया गया। शनिवार को इसकी पहली उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
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पैड अबोर्ट टेस्ट और मानवरहित उड़ान भेजे जाएंगे
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पैड अबोर्ट टेस्ट और मानवरहित उड़ान भेजे जाएंगे। इन टेस्ट फ्लाइट की सफलता के बाद ही अंतिम चरण में इंसानों को एल वी मार्क III रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यान में सर्विस मॉड्यूल और कमांड मॉड्यूल बनाए जाएंगे जो मिशन के दौरान अलग-अलग जरूरतों को पूरी करेंगे। इसरो की जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष यात्रियों को इस मिशन के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।