हिंदू धर्म में पूजा और मूर्ति की बहुत महत्वपूर्ण मान्यता है, साथ ही हर हिंदू घर में प्रतिमा और मूर्ति की विशेष पूजा की जाती है, वही आप को बता दे कि हिंदू धर्म में देवी – देवताओं की मूर्तियों को कैसे रखना चाहिए।
आप को बता दे कि अपने घर में रखे मंदिर और मूर्तियों से हर किसी का अलग ही लगाव होता है, लेकिन पुराने होने पर अक्सर हम मूर्तियों और मन्दिर को बेचने या किसी को देने का सोचते है, लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है, तो ऐसे में हम आपको बताएंगे की लोगों के सामने जब ये असमंजस की स्थिति हो, तब वो क्या करें,
पुराने मंदिर या देवी-देवता की मूर्ति का क्या करें…
आप अपने घर में रखें पुराने मंदिर को यूं ही किसी को देना या बेचना उचित नहीं मानते और ना ही किसी को देना शुभ समझते। तो ऐसे में आप मूर्तियों को दूसरे स्थान पर ले जाने से पहले पुराने मंदिर से सभी देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर को नए मंदिर में किसी पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा करवा लें।
अगर आप नए घर में शिफ्ट हो रहे है, तो पुराने मंदिर का क्या करें?
अगर आप नए घर में जा रहे है, और साथ में पुराना मंदिर ले जाना संभव ना हो तो, सभी देवी देवताओं की मूर्ति या छवि का उत्थापन करने से पहले किसी पंडित द्वारा मंत्रोक्त तरीके से ये सब ऊर्जा को सही तरीके से नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करवाइए। ये जरूरी हैं। साथ में ले जाना संभव ना हो तो पुराने मंदिर में से सभी देवी देवताओं की मूर्ति या छवि का उत्थापन करने से पहले किसी पंडित द्वारा मंत्रोक्त तरीके से ये सब ऊर्जा को सही तरीके से नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करवाइए। ये जरूरी हैं।
क्या घर के मंदिर के स्थान में परिवर्तन किया जा सकता है?
यदि घर में मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा नहीं की जाती, इसीलिये देवस्थान घर से बहार होना चाहिए। घर में केवल छोटा सा पूजा का घर होता है, जिसमे किसी मूर्ती की प्राणप्रतिष्ठा नहीं की जाती है। इसके बाद भी अगर किसी तरह आपने मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा करा दी है, तो अब उन्हें वहां से हटाने पर दैव श्राप लगता है। चाहे आप भले ही उन्हें एक नया स्थान दे, लेकिन दैव स्थान पर तोड़ने से आपको दैव श्राप तो भोगना ही पड़ेगा।