Israel-Hamas War: इजराइल और फिलिस्तीन विवाद एक बार फिर चर्चा में हैं। पूरे देश विदेश में इसकी चर्चा हो रही हैं। बता दे कि बीते शनिवार को हमास के आतंकी संगठन ने इजरायल पर करीब 5 हजार रॉकेट दागे। जिसके बाद से दोनों देशों का माहौल गरमाया हुआ हैं। जब से हमला हुआ हैं तब से चारों तरफ तबाही का मंजर फैला हुआ है। हमास के हमले के बाद इजराइली सेना भी हमले का लगातार जवाब दे रही है।
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जाने भौगोलिक स्थिति
इजराइल और फिलस्तीन के बीच हो रहे विवाद कोई नई बात नही हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए सबसे पहले आपको इसकी भौगोलिक स्थिति के बारे में बता दे। आपको बता दे कि इजराइल के पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम हिस्से में दो अलग-अलग क्षेत्र मौजूद हैं। जिसके पूर्वी हिस्से में वेस्ट बैंक और दक्षिण-पश्चिम हिस्से में एक पट्टी है, जिसे गाजा पट्टी के तौर पर जाना जाता हैं।
लेकिन सबसे अहम बात तो यह है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी को ही फिलस्तीन माना जाता है। वेस्ट बैंक में फिलस्तीन नेशनल अथॉरिटी सरकार चलाती है। जबकि गाजा पट्टी पर हमास का कब्जा।
आखिर क्या हैं हमास
हमास को एक फिलिस्तीनी आतंकी समूह कहा जाता हैं। इसकी स्थापना 1987 में पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा या विद्रोह के दौरान हुई थी। लेकिन इसका मकसद जानकार आप हैरान रह जाएंगे। बता दे कि इसका मकसद फिलिस्तीन में इस्लामिक राज्य स्थापित करना है। जिसकी स्थापना सेख अहमद यासीन ने की थी।
जब यह 12 साल के थे तब ये व्हीलचेयर पर थे। जिन्होंने सबसे पहले 1987 में इजराइल के खिलाफ पहले इंतिफादा का ऐलान किया था। बता दे कि इंतिफादा का मतलब बगावत करना या विद्रोह करना होता है। इस समूह को ईरान का समर्थन प्राप्त है। वही हमास की विचारधारा मुस्लिम ब्रदरहुड की इस्लामी विचारधारा से मेल खाती है।
जाने कब शुरु हुआ हमास-इजराइल का संघर्ष
सबसे पहले साल 2006 में, आखिरी बार फिलिस्तीनी संसदीय चुनावों में जीत हासिल करने के बाद गाजा पर हमास का कब्जा हो गया। जिसके बाद हमास ने राष्ट्रपति महमूद अब्बास पर उसके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। लेकिन हमास के कब्जे को अब्बास ने तख्तापलट करार दिया था। बता दे कि इसी समय से हमास और इजराइल के बीच संघर्ष का दौर शुरू हो गया था। जिसके बाद अक्सर गाजा से इजराइल में हमास के रॉकेट हमले होते रहे हैं, वहीं इजराइल भी हवाई हमले और बमबारी करता रहा है।
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इजराइल के प्रधानमंत्री ने कहा
जब हमास ने इजराइल पर हमला किया था, उसके बाद से इजराइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि हम युद्ध में हैं और हमास को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं। लेकिन उनकी इस बात से हमास को बिल्कुल भी फर्क नही पड़ रहा हैं। आपको बता दे कि हमास ने कभी इजराइल को देश के तौर पर देखा ही नहीं। हमास इजराइल को हमेशा अपना निशाना बनाता रहता हैं। जबकि सबसे अहन बात तो यह हैं कि इजराइल और अमेरिका हमास को एक चरमपंथी संगठन मानते हैं। साथ ही हमास को नेस्तनाबूत करने की मंशा रखते हैं।
गाजा पर हमास का कब्जा हो गया
आपको बता दे कि साल 2006 में आखिरी बार फिलिस्तीनी संसदीय चुनावों में जीत हासिल करने के बाद गाजा पर हमास का कब्जा हो गया था। जिसके बाद हमास ने राष्ट्रपति महमूद अब्बास पर उसके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। लेकिन जब गाजा पर हमास का कब्जा हो गया था उसके बाद हमास के कब्जे को अब्बास ने तख्तापलट करार दिया था।
इजराइल भी फिर कैसे पीछे रहता..
दरअसल, ये वही समय था जब हमास और इजराइल के बीच संघर्ष का दौर शुरू हो गया था। जिसके बाद से ही अक्सर गाजा से इजराइल में हमास के रॉकेट हमले होते रहे हैं, इजराइल भी फिर कैसे पीछे रहता, इजराइल ने भी बराबरी की टक्कर दी और बमबारी करता रहा।
ओस्लो शांति समझौते का हिंसक विरोध किया
हमास ने 1990 के दशक के मध्य में इजराइल और पीएलओ द्वारा बातचीत के बाद किए गए ओस्लो शांति समझौते का हिंसक विरोध किया था। हमास के पास एक सशस्त्र विंग है, जिसका नाम इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड है। यह ब्रिगेड इजराइल में बंदूकधारी और आत्मघाती हमलावर भेजता रहा है। हमास अपनी सशस्त्र गतिविधियों को इजराइल के खिलाफ प्रतिरोध बताता है।
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हमास एक आतंकी संगठन..
बता दे कि हमास एक आतंकी संगठन हैं। जिसको इजराइल ने ही नहीं बल्कि अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, मिस्र और जापान भी आतंकवादी संगठन मानते हैं। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो इसे आतंकी संगठन नहीं मानते हैं। चीन, मिस्त्र, ईरान नॉर्वे, कतर, ब्राजील, रूस, तुर्की और सीरिया इसे आतंकी संगठन नहीं मानते हैं।
हमास उस क्षेत्रीय गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें ईरान, सीरिया और लेबनान में शिया इस्लामी समूह हिजबुल्लाह शामिल हैं। यह संगठन मध्य पूर्व और इजराइल में अमेरिकी नीति का व्यापक रूप से विरोध करता है। हमास गाजा इलाके में काफी ताकतवर है. फिलिस्तीनी कब्जे वाले इलाकों में भी हमास के समर्थक बड़ी संख्या में हैं।
जाने इजराइली सेना की ताकत
दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में इजराइल की गिनती की जाती हैं। कहा जाता हैं कि उसके पास में दुनिया की सबसे जबरदस्त खुफिया एजेंसी मोसाद है, लेकिन इसके बाद भी हमास इजराइल पर हमला करने में सफल हो गया। इन सबके बीच में यह सवाल उठ रहा है कि जो इजराइल वायु सीमा की सुरक्षा के लिए आयरन डोम सिस्टम की बात करता है। उसके रहते हुए भी हमास ने यह जबरदस्त हमला आखिर कैसे कर दिया?
इजराइल भी कम नही
हमास अक्सर इजराइल पर हमला करने की रणनीति बनाता रहता है। लेकिन इजराइल भी कम नही हैं। इजराइल भी अपनी रणनीति बनाने में पीछे नही हटता हैं।
इजराइल ने अपने सभी सीमाओं को अभेद्य बना रखा है। जमीनी सीमाओं पर उसके जवान हमेश पहरा देते रहते हैं तो हवाई सीमा की सुरक्षा आयरन डोम करती है।
हवाई हमले से ही शुरुआत की
लेकिन इस बार हमास ने इजराइल पर हवाई हमले से ही शुरुआत की हैं। यह कोई पहली बार नही हैं जो हमास ने हमला किया हो। वह पहले भी कई बार हवाई हमले कर चुका था, लेकिन हर बार आयरन डोम की वजह से वह नाकाम हो जाता था। हालांकि, अब सवाल उठ रहा कि इस बार ऐसा क्या हुआ कि हमास अपने नापाक इरादों में सफल हो गया।
हमास आयरन डोम की कमजोरी खोज रहा..
मिली कुछ जानकारी के अनुसार ऐसा बताया जा रहा कि बार-बार फेल होने के बाद हमास आयरन डोम की कमजोरी खोज रहा था और इस बार वह उसे पता चल गया कि वह कैसे इस सिस्टम से लड़ सकता है। आतंकी संगठन ने साल्वो रॉकेट हमले (कम समय में लॉन्च किए गए कई रॉकेट) से इजराइल पर हमला कर दिया, जिससे नियंत्रण प्रणाली के लिए सभी लक्ष्यों को रोकना मुश्किल हो गया है।
इस बार सिर्फ 20 मिनट में 5,000 से ज्यादा रॉकेट लॉन्च किए गए। यह रॉकेट भी छोटी दूरी के थे। इसलिए जब तक सिस्टम इनका अंदाजा लगाकर जवाबी हमले करता तब तक देरी हो चुकी थी।
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इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद जारी
अभी भी इजराइल और फिलिस्तीन के बीच में विवाद जारी है। इस निनाद के बीच रविवार को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के आतंकवादियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनके सभी ठिकानों को हम मलबे में तब्दील कर देंगे। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दिए बयान पर अब हमास की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है।
हमास की सशस्त्र शाखा के एक प्रवक्ता ने रविवार की आधी रात के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, शनिवार को इजराइली कस्बों पर किए गए हमले में हमास द्वारा पकड़े गए इजराइलियों की कुल संख्या दर्जनों से कई गुना अधिक थी। प्रवक्ता ने कहा कि बंधक बनाए गए लोग गाजा पट्टी के सभी इलाकों में फैले हुए थे।