Health : देश में धीरे-धीरे ठंड का आगाज हो गया है। मौसम के बदलने के कारण स्वास्थ्य संबधित कई समस्याएं देखने को मिल रही है। ठंड के कारण सर्दी-जुखाम और खांसी की समस्या आम बात होती है। लेकिन अगर ये समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है,तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर सर्दी खांसी लंबे समय तक है। तो ये आपके लिए निमोननिया का संक्रमण पैदा कर देता है। जिसने खासने से लेकर , छींकने, इत्यादि का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा ये समस्या बच्चों से लेकर बुर्जगों को देखने को मिलती है। आइए जानते हैं निमोनिया के लक्षण का क्या है बचाव और सावधानियां।
Read more : शराबी पिता बना हैवान, दो साल की बेटी की जमीन में पटककर की हत्या
Read more : स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए लोक बंधु चिकित्सालय ने अपने नजदीकी समुदाय में की पहल
निमोनिया क्या होता है
निमोनिया एक तरह का संक्रमण है, जिसमें फेफड़ों में वायु की थैलियां सूज जाती हैं। जिसमें मवाद भर जाता है। जिसकी वजह से कफ या मवाद के साथ खांसी, बुखार, ठंड लगने या सांस लेने में परेशानी होती है। निमोनिया अक्सर बैक्टीरिया, वायरस और कवक जैसे जीवाणुओं के कारण निमोनिया का खतरा हो सकता है। छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र वालों के साथ कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए यह समस्या बेहद गंभीर है।
Read more : जब तक ITBP है, तब तक देश का एक इंच हिस्सा भी कोई नहीं ले सकता- केंद्रीय गृह मंत्री
इसके होनें के लक्षण
- सांस लेने या खांसी आने पर सीने में दर्द
- खांसी के साथ बहुत ज्यादा कफ आना
- थकान-बुखार, पसीना और कंपकंपी लगना
- मतली, उल्टी या दस्त की समस्या
सामान्य खांसी-जुकाम में निमोनिया की पहचान
खांसी-जुकाम निमोनिया का प्रमुख कारण है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि लोग समझ नहीं पाते है कि उनको जुकाम है या निमोनिया , तो आईए आपको हम बताते है कि आप कैसे पता करें कि आपको निमोनिया है या फिर जुकाम । बता दें कि इसके लिए सामान्य सर्दी और फ्लू के उलट निमोनिया फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है।
इसकी वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। सामान्य सर्दी जुकाम तीन से चार दिन में कुछ इलाज से ही ठीक हो जाता है लेकिन निमोनिया में बेहतर इलाज, एंटीबायोटिक्स की जरूरत हो सकती है। समय पर अगर इलाज न मिले तो संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। सामान्य सर्दी जुकाम में कफ आने या सांस की परेशानी कम होती है लेकिन निमोनियां में ये समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं।