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Health: आज के बदलते वातावरण प्रदुषण व खान-पान में बदलाव होने के कारण भारत के लोगों में ‘stroke’ की बढ़ती समस्या सामने आ रही है। ये देश के लिए काफी चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि आज के समय में 45 वर्ष या उससे कम उम्र वाले लोगों में लगभग 10 से 14 प्रतिशत लोगों को’stroke’ पड़ने के केसेस सामने आ रहे है। जिसमें हृदय संबंधी बीमारी, मोटापा, मधुमेह, धूम्रपान, शराब पीना और शारीरिक निष्क्रियता -‘stroke’के लगभग 50 प्रतिशत लोगों के जोखिम को बढ़ाते हैं।
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इन कारणों से हो सकता है ‘stroke’
- तनाव के कारण
- न्यूरोएंडोक्राइन फंक्शन में दिक्कत के चलते स्ट्रेस हार्मोन शरीर में बढ़ सकता है
- शरीर में जगह-जगह सूजन हो जाना
- ब्लड सर्कुलेशन का सही से न होना
- ब्लड सर्कुलेशन में कैल्शियम जमा हो जाना
‘stroke’ के मामलों में प्रदुषण का अहम किरदार
शोधकर्ताओं ने बताया है, कि वायु प्रदुषण नें कई प्रकार के ऐेसे हानिकारक तत्व पाए जाते है। जो शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है। देश में बढ़ने वाले स्ट्रोक के मामलो का सबसे बड़ा कारण प्रदुषण बताया जाता है क्योंकि प्रदुषण में नैनोकण, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, जमीनी स्तर के ओजोन और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे तत्व शामिल होते हैं। जब हम गंदी हवा में सांस लेते है तब हमारे फेफड़ो में छोटे-छोटे कण चले जाते है। जो फेफड़ों में सूजन इत्यादि पैदा कर बाकी शरीर के हिस्सों में पहुचं जाता है। जो आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। प्रदूषित हवा में कुछ अत्यंत छोटे कण फेफड़ों के जरिए ब्लड सर्कुलेशन में प्रवेश कर देते हैं। जिससे मस्तिष्क तक ब्लड पहुंचना बंद हो जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर पांच दिन भी नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों का संपर्क रहें तो स्ट्रोक का जोखिम लगभग 30% अधिक हो जाता है।
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ब्रेन स्ट्रोक के मुख्य लक्षण
- जब किसी मनुष्य को ब्रेन स्ट्रोक होत है तो उसका चेहरा धीरे-धीरे टेढ़ा होने लगता है।
- शरीर के एक हाथ-पैर में ताकत कम होने लगती है।
- हाथ ऊपर उठाने व चलने में परेशानी होती है।।
- बोलने में कठिनाई होने लगना।
- घबराहट के साथ सांस लेने की परेशानी होना।
- तेज सिरदर्द होना।
- एक तरफ चेहरे में सुन्नता महसूस करना।
- कमजोरी के साथ भ्रम की स्थिति में आ जाना।
- आंखों में धुंधलापन आना।
- उल्टी होना