Shardiya Navratri Day4: देश में शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। वहीं दुर्गा मां के चौथे स्वरुप में कूष्मांडा माता की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता हैं कि इनकी आराधना करने से साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते है। माँ कूष्मांडा सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदि शक्ति हैं। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के नाम से पुकारा जाता है।
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पूजा करने का महत्व
माता कूष्मांडा को ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। वहीं हिंदू धर्म में माता कूष्मांडा ने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। इनकी पूजा और आराधना करने से भक्तों के सभी संकटों से मुक्ती मिल जाती है। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति किसी पुराने रोग से बिमार है, या परेशान है, तो उसें कूष्मांडा माता की पूजा करनी चाहिए। साथ ही मन लगाकर माता की पूजा पाठ करने से माता खुश होकर अपने भक्तों की विनती को बहुत जल्दी स्वीकार करती है। वही मान्यता के अनुसार माता कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है।
मां कूष्मांडा पूजा मंत्र
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
मां कूष्मांडा बीज मंत्र
ऐं ह्री देव्यै नम:
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पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन माता शक्ति के चौथे स्वरूप माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इसके लिए प्रातः काल स्नान करके माता कूष्मांडा का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद उनको गंगाजल से अभिषेक करा के लाल वस्त्र, लाल रंग के फूल, अक्षत, सिंदूर, पंचमेवा, नैवेद्य, श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। इस दौरान माता कूष्मांडा के मंत्र का निरंतर उच्चारण करते रहें। माता कूष्मांडा को दही और हलवे का भोग लगाएं। यदि आपके पास सफेद कुम्हड़ा है। तो उसे माता रानी को अर्पित कर दें। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में घी का दीपक या कपूर जलाकर माता कूष्मांडा की आरती करें।
लगाए मीठे भोग
सदैव मीठा व्यंजन का भोग लगाना चाहिए। ऐसे में मां को भोग लगाने के लिए आप हलवा, मीठा दही, मालपुए इत्यादि मीठा भोग बनाकर प्रसाद के रुप में चढ़ा सकते है। इस भोग को खुद तो ग्रहण करें ही साथ ही ब्राह्मणों को भी दान कर सकते है।
मां कूष्मांडा का प्रिय फूल और रंग
मां कूष्मांडा को लाल रंग प्रिय है, इसलिए पूजा में उनको लाल रंग के फूल जैसे गुड़हल, लाल गुलाब आदि अर्पित कर सकते हैं, इससे देवी प्रसन्न होती हैं।