Lakhimpur Kheri Loksabha Seat: देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और यूपी की राजनीति में बहुत ही दिलचस्प मोड ले लिया है. यूपी पर हर एक दल की नजर है क्योंकि यूपी के पास लोकसभा की 80 सीटें है. जिसमें से एक सीट है लखीमपुर खीरी जो कि छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध है. खीरी राजनीति देश की राजनीति के इर्द गिर्द ही घूमती दिखाई देती है. मसलन देश के मुद्दे हमेशा से जिले की राजनीति पर हावी रहे हैं. एक वक्त था जब इंदिरा विरोधी लहर का असर भी इस जिले में देखने को मिला और नतीजा ये निकला कि यहां कांग्रेस का विरोध हुआ. अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव का वक्त नजदीक हैं और यहां से बीजेपी और इंडिया अलायंस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी.आइए एक नजर डालते हैं यहां के लोकसभा समीकरण और इतिहास पर
खीरी के रण में कौन मारेगा बाजी ?
लखीमपुर खीरी के लोकसभा दंगल में इस बार अजय मिश्र की सीधी टक्कर इंडिया अलायंस के उम्मीदवार उत्कर्ष वर्मा से होनी है. दोनों की सीधी लड़ाई ने इस चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है.बीते दो लोकसभा चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी का बोलबाला रहा है.इस सीट से अजय मिश्र टेनी दो बार चुनकर लोकसभा के गलियारों में अपनी धमक जमा चुके हैं.लेकिन कभी इस सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा कायम रहता था लेकिन राम मंदिर आंदोलन ने यहां कि सियासी तस्वीर को पलट कर रख दिया. बीजेपी यहां 1991 में पहली दफे यहां चुनाव जीतने में कामयाब रही.इसके बाद 1996 में भी खीरी सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की.उसके बाद बीजेपी को हटाकर सपा ने खीरी से लगातार तीन बार 1998, 1999 और 2000 का चुनाव जीती.वहीं पिछले दो चुनाव से बीजेपी का यहां बोलबाला रहा… लेकिन तिकुनिया कांड के बाद से इस बार लोकसभा का पेंच यहां फंसता नजर आ रहा है.
चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल चुका
तिकुनिया कांड के बाद इस बार यहां का चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है. इस बार अजय मिश्र टेनी और इंडी गठबंधन के उम्मीदवार के बीच सीधी टक्कर है.एक तरफ जहां किसान मोर्चा के लोगों ने अजय मिश्र के विरोध का ऐलान किया तो वहीं दूसरी तरफ यहां की जनता मोदी के नाम पर वोट करने को तैयार दिखाई दे रहे हैं. खीरी में माना गया था कि हो सकता है इस बार किसानों की नाराजगी बीजेपी पर हावी हो जाए लेकिन यहां की जनता मोदी के नाम पर वोट करने को तैयार दिखाई दे रही है. हर सीट में प्रत्याशी के साथ-साथ यहां के चुनावी समीकरण पर अगर नजर डाले तो यहां ओबीसी समुदाय विशेष भूमिका चुनाव में निभाते हैं..बात करते हैं यहां के जातीय समीकरण की….
लखीमपुर खीरी लोकसभा का समीकरण
- जातीय आंकड़े (अनुमानित)
- ओबीसी- 9 लाख लगभग
- दलित- 6 लाख लगभग
- मुस्लिम- 4.20 हजार लगभग
- ब्राम्हण- 3 लाख लगभग
- वैश्य- 3 लाख लगभग
- सिख- 1 लाख लगभग
- क्षत्रिय – 1 लाख लगभग
- कायस्थ- 80 हजार लगभग
- थारू- 30 हजार लगभग
- अन्य- 52 हजार लगभग
- खत्री- 16 हजार लगभग
नजर डालेंगे पिछले दो लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट—2019
अजय कुमार मिश्रा
बीजेपी
609285 वोट
54 प्रतिशत
डॉ पूर्वी वर्मा
समाजवादी पार्टी
390665 वोट
34.7 प्रतिशत
लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट—2014
अजय कुमार मिश्रा-
बीजेपी
398563 वोट
37 प्रतिशत
अरविंद गिरी
बसपा
288301 वोट
26.7 प्रतिशत
खीरी के लोकसभा में कुछ भी हो लेकिन जंग दिलचस्प होगी क्योंकि इस बार यहां का चुनाव बीजेपी बनाम गठबंधन होने वाला है और खुली जंग अजय मिश्र टेनी और उत्कर्ष वर्मा के बीच देखने को मिलेगी.देखना होगा कि इस बार की जंग में कौन बाजी मारता है.