Jaunpur Loksabha Seat: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की सूची जारी करनी शुरु कर दी है. यूपी में चुनावी मुकाबला दिन प्रति-दिन बहुत ही दिलचस्प होता जा रहा है. प्राइम टीवी यूपी की उन सभी 80 लोकसभा सीटों के चुनावी समीकरणों के बारे में बता रही है, जो कि यूपी की राजनीति में बहुत ही अहम है. उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं.भौगोलिक लिहाज से देखें तो प्रदेश को अवध पूर्वांचल बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी में बांटा गया है. इनमें सबसे ज्यादा 27 लोकसभा सीटें पूर्वांचल में आती हैं.बीते चुनाव में बीजेपी को इन 27 सीटों में से 19 पर जीत मिली थी. 2 सीटों पर उसकी सहयोगी अपना दल एस ने जीत दर्ज की थी.जबकि 4 सीटें बीएसपी के खाते में गई थी.इनमें जौनपुर की भी एक सीट शामिल थी.
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पूर्वांचल के गढ़ को भी बचाने की होगी चुनौती!
बीजेपी के लिए पश्चिमी यूपी में जीत दर्ज करना एक पहेली तो है ही.इसके साथ ही पूर्वांचल के गढ़ को भी बचाने की चुनौती होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि बीते चुनाव में पूर्वांचल की 27 सीटों में से एनडीए को 4 सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था. जौनपुर लोकसभा सीट का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है.माफिया से नेता बने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद से इस सीट के सियासी समीकरण बदल चुके हैं.जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह आगामी लोकसभा चुनाव में दावेदारी का प्लारन बना चुके थे लेकिन अपहरण और रंगदारी मामले में सिंह को 7 साल की सजा हो गई.
भाजपा का जौनपुर से कैसा खास लगाव?
बीजेपी का जौनपुर से लगाव बेहद खास माना जाता है.इसकी एक बड़ी वजह बीजेपी के पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ के मुखिया पं. दीन दयाल उपाध्याय का जौनपुर से पहला चुनाव लड़ना. 1963 के उपचुनाव में पं दीनदयाल को जौनपुर से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. ये उनका पहला चुनाव था और आखिरी भी. जौनपुर सीट पर ठाकुरों और ब्राह्मणों की रोचक लड़ाई देखने को मिलती है. अब तक के चुनावी सफर में कुल 18 सांसद हुए हैं जिनमें से 11 ठाकुर रहे. फिलहाल जौनपुर से बसपा के श्याम सिंह यादव सांसद हैं.
भाजपा के लिए जौनपुर सीट काफी अहम
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दल लगातार अपनी प्लानिंग के तहत प्रत्याशियों को घोषित कर रहे हैं. बात यूपी की करें तो बीजेपी (BJP) ने अभी तक 51 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, क्योंकि उसके लिए दिल्ली जाने का गणित यूपी पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है. बीजेपी के लिए तो वैसे तो सभी सीटें अहम हैं, जिनमें से एक सीट जौनपुर की है.
BJP और सपा ने किसे बनाया उम्मीदवार?
इस सीट पर एक नाम ऐसा भी है जो कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से असर डालता रहा है, जो कि बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह का है. हालांकि, इस बार चुनाव का ऐलान होने से पहले ही उन्हें एक आपराधिक मा मले में जेल भेज दिया है। जौनपुर सीट पर इस बार कौन है प्रत्याशी जौनपुर लोकसभा सीट पर इस बार उतारे गए प्रत्याशियों की बात करें तो बीजेपी ने यहां से कृपा शंकर सिंह को टिकट दिया है, तो दूसरी ओर सपा ने इस सीट से यशवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। पहले खबरें थीं कि बाहुबली धनंजय सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन इन खबरों के बीच ही उन्हें आपराधिक सजा हो गई थी। इसके चलते यह भी माना जा रहा है कि अब इस सीट से धनंजय सिंहकी पत्नी लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं हालांकि इसको लेकर अभी कुछ भी क्लियर नहीं है।
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सपा- बसपा का गठबंधन
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 की बात करें तो इस सीट से पिछले चुनाव के दौरान सपा- बसपा का गठबंधन था। ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर काफी बड़ी चुनौती मिली थी और नतीजों में बसपा ने जीत दर्ज की थी और श्याम सिंह यादव संसद पहुंचे थे।2014 लोकसभा चुनाव के नती जे 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने इस सीट पर मशक्कत करके जीत हासिल की थी। पार्टी ने इस सीट से कृष्ण प्रताप सिंह पर दांव लगाया था, जो कि सफल रहा था। पार्टी ने 2014 में यह सीट अपने नाम की थी और दूसरे नंबर पर बसपा नेता सुभाष पांडे रहे थे। तीसरे नंबर पर पारसनाथ यादव रहे थे।
साल 2009 में किसके हाथ लगी जीत?
2009 लोकसभा चुनाव के नतीजे साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आए नतीजों की बात करें तो जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा के धनंजय सिंह ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने ने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पारसनाथ यादव को हराया था। जौनपुर लोकसभा सीट के जातीय समीकरण जौनपुर लोकसभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो ब्राह्मण और ठाकुर वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यादवों की आबादी भी प्रभावशाली संख्या में है। 2019 में सपा- बसपा गठबंधन के श्याम सिंह यादव ने दलित, मुस्लिम और यादव वोटर्स के समर्थन से जीत दर्ज की थी।
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