Independence Day 2023: भारत देश को आज़ाद हुए काफी समय हो चुका है, लेकिन बहुत से लोगों को अभी भी यह नहीं पता कि भारत कब और कैसे आज़ाद हुआ। अगर आप अपने देश से प्रेम करते है तो आपको पता होना चाहिए भारत का इतिहास कितना कठिन रहा है। भारत ने स्वतंत्रता पाने के लिए कितना संघर्ष किए है। बता दें कि देश की आजादी के लिए लाखों हिंदुस्तानियों ने देश की मिट्टी को अपने खून से सींचा था।
लेकिन बहुत से लोग पूछते है अगर पाकिस्तान 15 अगस्त को आज़ाद हुआ तो पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को क्यों मनाते है। वास्तव में पाकिस्तान को अलग राष्ट्र की स्वीकृति 14 अगस्त को मिल गयी थी। इसी दिन ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटेन ने पाकिस्तान को स्वत्रंत राष्ट्र का दर्जा देकर सत्ता सौंपी थी। साल 1948 में पाकिस्तान में आजादी की तारीख को 14 अगस्त कर दिया गया था। उस दिन रमजान का 27वां दिन था। जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार खास और पवित्र दिन माना जाता है।
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1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत से हुआ आजाद
आपको बता दें कि 15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता पाई और इस महीने की 15 तारीख यानी 15 अगस्त को हमारे देश की आजादी के 76 साल पूरे हो जाएंगे। यूं ही अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली थी, इस देश को आजाद कराने वाले सच्चे देशभक्तों के संघर्ष, हौसले और जुनून की जितनी तारीफ की जाए, वो हमेशा कम ही रहेगी।
भारत पर ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी का कंट्रोल
- बता दें कि भारत में अंग्रेजों की हुकूमत साल 1858 में शुरू हुई और 1947 तक चली।
- 1757 से लेकर 1857 तक भारत पर ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी का कंट्रोल था।
- देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान के आगे आखिरकार अंग्रेजों ने घुटने टेक दिए और करीब 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद भारत को 15 अगस्त, 1947 के दिन आजादी मिली।
विद्रोह का नेतृत्व बल्कि मंगल पांडे ने किया
दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत से आजादी की लड़ाई की पहली चिंगारी साल 1857 में निकली थी। उस वक्त का विद्रोह, सिपाही विद्रोह या 1857 के भारतीय विद्रोह के नाम से प्रसिद्ध है। उस विद्रोह का नेतृत्व किसी और ने नहीं बल्कि मंगल पांडे ने किया था। मंगल पांडेय के अलावा झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, बहादुर शाह जफर, तात्या टोपे और नाना साहिब ने भी 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था।
विदेशी सामानों का बहिष्कार
साल 1900 के आसपास देश में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई। उस वक्त बाल गंगाधर तिलक और जेआरडी टाटा ने बॉम्बे स्वदेशी को-ऑप स्टोर्स कंपनी लिमिटेड की स्थापना कर विदेशी सामानों का बहिष्कार कर स्वदेशी सामानों का समर्थन करना शुरू किया। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को स्वराज की आत्मा बताया था।
पारसी बागान स्क्वैर पर भारत का झंडा फहराया गया
- 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वैर पर भारत का झंडा फहराया गया। उस झंडे में लाल, पीला और हरे रंग की 3 पट्टियां थीं।
- साल 1921 में पिंगली वेंकैया ने हमारे मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज का पहला वैरिएंट डिजाइन किया। ऊपर भगवा, बीच में सफेद जिसमें 24 तीलियों वाला अशोक चक्र मौजूद है और नीचे हरे रंग की पट्टी वाले झंडे को 22 जुलाई, 1947 को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया।
- इस तिरंगे को 15 अगस्त, 1947 को फहराया गया।
1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की हुई शुरुआत
- फिर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई।
- इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है।
- इस आंदोलन के माध्यम से भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म करने की मांग की गई थी।
राष्ट्रीय गान
- आजादी के समय भारत का कोई राष्ट्रीय गान नहीं था. मौजूदा राष्ट्रीय गान ‘भारत भाग्य विधाता’, साल 1911 में रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था।
- जिसका नाम बाद में बदलकर ‘जन गण मन’ कर दिया गया था।
- फिर इसके बाद 24 जनवरी, 1950 में भारत की संविधान सभा ने जन गण मन को राष्ट्रीय गाम के रूप में स्वीकार कर लिया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सीमा रेखा
भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सीमा रेखा को रेडक्लिफ लाइन के रूप में भी जाना जाता है। जिसे ब्रिटिश बैरिस्टर सर सिरिल रैडक्लिफ ने 3 अगस्त, 1947 को सीमांकित किया था।
इसकी जानकारी आधिकारिक तौर पर भारत की आजादी के दो दिन बाद यानी 17 अगस्त, 1947 को प्रकाशित की गई थी।
महान सिंधु घाटी सभ्यता की गवाह
- हमारे देश का नाम सिंधु नदी से लिया गया था।
- सिंधु नदी, महान सिंधु घाटी सभ्यता की गवाह है।
- भारत को 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को स्वतंत्रता मिली थी।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरिया, कांगो, बहरीन और लिकटेंस्टीन भी 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
वंदे मातरम को को राष्ट्रीय गीत के रूप में मिली मान्यता
- बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ 1880 के दशक में लिखा गया था।
- वंदे मातरम, बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखे गए उपन्यास ‘आनंदमठ’ का एक हिस्सा था।
- वंदे मातरम को 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी गई थी।