Lok Sabha Chunav 2024 Results: लोकसभा चुनाव-2024 के डाले गए वोटों की आज गिनती हो रही है। 8 बजे से ये प्रक्रिया शुरू हुई। 19 अप्रैल को वोटिंग की शुरुआत हुई थी, जो 1 जून को पूरी हुई। सात चरणों में मतदान हुआ। बीजेपी जहां 400 पार के नारे के साथ इस बार के चुनाव में उतरी तो वहीं नरेंद्र मोदी को सत्ता से दूर करने के लिए 25 से ज्यादा विपक्षी दल एक मंच पर आए।तमाम दावों और वादों के बाद अब नतीजे आ रहे हैं।
हालांकि, चुनाव के रुझान या मतगणना के आंकड़े भाजपा को चौंका रहे हैं।इस बीच उत्तर प्रदेश, बंगाल समेत कई ऐसे राज्य हैं जहां भाजपा को अनुमान से काफी कम सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं और विपक्ष उन्हें कड़ी टक्कर दे रहा है।
” ‘हाथ बदलेगा हालात, “
वहीं एकतरफा जीत की ख्वाहिश रखने वाली बीजेपी को उतनी बड़ी सफलता नहीं मिलती दिख रही है लेकिन उससे उलट चाहे भारत जोड़ो यात्रा हो या कांग्रेस का इस बार का चुनावी नारा ‘हाथ बदलेगा हालात, कांग्रेस के काफी काम आया है। कांग्रेस बहुमत के करीब तो नही पहुंच पाई लेकिन पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही है।वहीं राहुल गांधी को भी इसका फायदा अपनी दोनों सीटों पर मिलता दिख रहा है। राहुल अपनी दोनों सीटों से जीत के करीब हैं। लेकिन इस बार का चुनाव काफी छींटाकशी का रहा जिसमें राहुल की दो सुरक्षित सीटों से चुनाव लड़ना भी बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा।
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दोनों सीटों से जीते तो क्या
राहुल ने फिलहाल दोनों ही सीटों पर बढ़त बनाई हुई है और अंदाजा यही है कि राहुल दोनों सीटों से जीत सकते हैं। इसमें रायबरेली की सीट की जीत जितनी अहम होगी उतनी ही वायनाड की सीट की जीत भी। क्योंकि जहां रायबरेली की सीट कांग्रेस की विरासत है तो वही वायनाड की सीट राहुल के लिए धर्मभूमि है जहां से पिछली बार वो जीतकर लोकसभा पहुंचे थे तो अगर राहुल दोनों ही सीटों से जीतते हैं तो उन्हें नियम के मुताबिक एक सीट छोड़नी होगी क्योंकि वो सिर्फ एक ही सीट से लोकसभा जा पाएंगे।
ऐसे में सवाल है कि राहुल कौन सी सीट छोड़ेगें क्योंकि रायबरेली कांग्रेस के लिए बेहद ही अहम सीट है। सोनिया का रायबरेली को ये कहना है कि ‘मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं’, न सिर्फ एक ये कांग्रेस का रायबरेली से एक इमोशनल रिश्ता दिखाता है वही कांग्रेस का विश्वास भी दर्शाता है।
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कौन सी सीट चुनते हैं ये बेहद अहम होगा
वहीं अगर दूसरी तरफ पिछले लोकसभा इलेक्शन में राहुल को लोकसभा पहुंचा चुकी वायनाड की जनता भी कांग्रेस और राहुल से एक खास रिश्ता रखती है। न सिर्फ वायनाड की जनता ने राहुल पर विश्वास जताया है बल्कि कांग्रेस को दक्षिण में एक मजबूत स्थिति में भी पहुंचाया है।इसलिए राहुल लोकसभा के लिए कौनसी सीट चुनते हैं ये बेहद अहम होगा।
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रायबरेली से जाएंगे लोकसभा!
बताते चले कि उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए बेहद अहम है इसलिए अटकलें यही है कि राहुल अगर दोनों सीटों से जीतते हैं तो वो रायबरेली को नहीं छोड़ेगें ऐसे में वायनाड का क्या होगा। अगर ऐसा होता है तो वायनाड में उपचुनाव कराए जा सकते हैं और हो सकता है कि कांग्रेस की सुरक्षित सीट होने के चलते वहां से किसी खास चेहरे को लड़ाया जा सकता है।
लेकिन क्या वायनाड की जनता एक बार फिर से हुए चुनाव में फिर से कांग्रेस का साथ देगी या फिर कांग्रेस का खेल पलटेगी। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा फिलहाल कांग्रेस के लिए राहुल को दोनों सीटों से जीतने पर खुशी बनाने का वक्त है जिसे कांग्रेस गंवाना नहीं चाहेगी।