Rahul Gandhi on Miss India: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाल ही में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। राहुल ने मिस इंडिया की सूची में दलित और आदिवासी महिलाओं की अनुपस्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यह स्थिति भारत की 90 प्रतिशत आबादी की असली प्रतिनिधित्व की कमी को दर्शाती है।
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राहुल गांधी के आरोप बचकाने
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ( Kiren Rijiju) ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल ‘बाल बुद्धि’ का मामला है। रिजिजू ने राहुल की टिप्पणियों को अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि सरकारें न तो मिस इंडिया प्रतियोगिता का चयन करती हैं और न ही खेलों के लिए एथलीटों का। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और ओबीसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे उदाहरण हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि सरकारें पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं।
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राहुल गांधी का बयान: सामाजिक असमानता पर जोर
राहुल गांधी ने प्रयागराज में एक संविधान सम्मान सम्मेलन में कहा कि भारत की विकास प्रक्रिया में 90 प्रतिशत आबादी की भागीदारी अनिवार्य है। उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता, फिल्मों और मीडिया में कम प्रतिनिधित्व की ओर इशारा करते हुए यह प्रश्न उठाया कि क्या इन क्षेत्रों में समाज की विविधता का सही प्रतिनिधित्व हो रहा है।
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केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी: ‘बाल बुद्धि’ से उपजी चिंताएं
रिजिजू ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को बचकाना बताते हुए उनकी आलोचना की है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता को तथ्यों की जांच करनी चाहिए और समझना चाहिए कि सरकारें इन प्रतियोगिताओं का संचालन नहीं करती हैं। रिजिजू ने राहुल के आरोपों को विभाजनकारी करार देते हुए कहा कि इन्हें मनोरंजन का मुद्दा बनाकर हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।