गाजियाबाद संवाददाता : प्रवीन मिश्रा
गाजियाबाद : खोड़ा नगर पालिका परिषद नवनिर्वाचित चेयरमैन मोहिनी शर्मा ने जब पदभार संभाला था तब से लेकर अब तक चेयरमैन मोहिनी शर्मा और अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता के बीच पत्राचार की लड़ाई जारी है। जिसको लेकर गुरुवार को चेयरमैन मोहिनी शर्मा के तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए मेरठ से एक जांच टीम खोड़ा नगर पालिका परिषद पहुंची थी।
READ MORE : नाला बंद होने से सिंचाई से वंचित हुए किसान, किया प्रदर्शन..
जिसमे की कई घंटे चली जांच के बाद चेयरमैन द्वारा लगाए गए आरोपों की तैयार सूची जांच टीम को सौंपी गई और जांच टीम ने दोनो पक्षों की बात सुनी और फिर जागृति अवस्थी एसडीएम ने मौजूदा सभासदों से भी वार्ता की मेरठ से आई जांच टीम एसडीएम जागृति अवस्थी दस्तावेजों की जांच कर बाहर निकली तो उन्होंने बताया कि जांच से संबंधित सभी दस्तावेजों को देखा गया है और दस्तावेजों की गहनता से जांच की जा रही है जल्द ही जांच का खुलासा होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ बड़ा खुलासा
वही आज चेयरमैन मोहिनी शर्मा के पति पूर्व विधायक पंडित अमरपाल शर्मा ने अपने कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया पिछले कई वर्षों से खोड़ा नगर पालिका के अंदर भ्रष्टाचार होता आ रहा है जब उनकी धर्मपत्नी चेयरमैन मोहिनी शर्मा ने इस बात से अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता को अवगत कराया के नगर पालिका में जो कर्मचारियों की लिस्ट आपने सौंपी है उस लिफ्ट के अंदर कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनके नाम नंबर आधार कार्ड और फोटो दो से तीन जगह चढ़ाए गए हैं और उनके खाते में सैलरी भी भेजी जा चुकी है।
READ MORE : नाला बंद होने से सिंचाई से वंचित हुए किसान, किया प्रदर्शन..
sc.st एक्ट के तहत मामला दर्ज
जिस पर अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता का कोई जवाब नहीं आया जिसके बाद चेयरमैन मोहिनी शर्मा ने उच्च अधिकारियों को शिकायत की और कहा खोड़ा नगर पालिका परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार की जांच हो। जिस शिकायत के आधार पर जांच टीम नगर पालिका परिषद पहुंची थी। पंडित अमरपाल शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ sc.st एक्ट के तहत शालिनी गुप्ता द्वारा कर्मचारियों से मिलकर मुकदमा लिखवाया जा रहा था।
पंडित अमरपाल शर्मा ने बताया कि अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता को किसी राजनीतिक सह मिलने के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। पंडित अमरपाल शर्मा का कहना है कि जांच रिपोर्ट आते ही सभी खुलासे हो जाएंगे। यहां तक की प्रतिवर्ष करोड़ों के सफाई उपकरण नगर पालिका द्वारा खरीदे जाते हैं।