Kerala Wayanad Landslide: केरल के वायनाड (Wayanad) में हुई लैंडस्लाइड की घटना में मृतकों की संख्या 167 तक पहुंच गई है। इस विनाशकारी घटना के बाद केरल में अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। मेप्पडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 94 शव रखे गए थे, जिनमें से 11 की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। अब तक 52 शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। माना जा रहा है कि 40 से ज्यादा लोग नीलांबुर चलियार नदी में बह गए हैं। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, 211 लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा लोग घायल हैं। सेना और एनडीआरएफ की टीमें चालियार नदी और जंगल में लोगों की तलाश कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने किया राहत और बचाव कार्य का निरीक्षण
लैंडस्लाइड में कई घर तबाह हो गए हैं। पेड़ों के गिरने और नदियों-तालाबों के उफान पर होने से राहत और बचाव कार्य में बाधा आ रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को हाई लेवल मीटिंग कर राहत और बचाव कार्य की समीक्षा की और आगे के दिशा-निर्देश दिए। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड जाने का अपना प्लान बारिश के अलर्ट के कारण स्थगित कर दिया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय में वायनाड में चल रहे बचाव अभियान की समीक्षा के लिए बैठक की। मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 167 हो गया है।
बारिश के चलते स्कूल-कॉलेज बंद
कोल्लम और त्रिवेंद्रम को छोड़कर बुधवार को केरल के 12 जिलों में भारी बारिश की आशंका के चलते स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ियों में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है। केरल में भारी बारिश के कारण नदियों और बांधों में जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। केएसईबी से बांधों के क्षमता से ज्यादा भरने की सूचना मिली है। इडुक्की में जलस्तर 52.81 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जिससे चिंता बढ़ गई है। वायनाड के बाणासुर सागर बांध में जलस्तर 83.26 फीसदी बढ़ा है।
राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमें
राहत और बचाव कार्य एजेंसियों ने मंगलवार को लगातार 20 घंटे तक बचाव और राहत कार्य चलाया। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके चुरालमला में फिर से बचाव कार्य शुरू हो गया है। सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने तिरूवनंतपुरम् में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड की घटना हुई। उन्होंने कहा कि शवों के अलावा मलबे में मानव अंग भी मिले हैं। मरने वालों में बच्चों और नवजातों की भी संख्या है।
आपदा का भयंकर स्वरूप
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केरल में घटित सबसे भयंकर आपदाओं में से एक है। 3 हजार से ज्यादा लोगों को 45 कैंपों में शिफ्ट किया गया है। अभी भी कई लोग धरती के नीचे फंसे हुए हैं या बाढ़ का पानी उन्हें बहा ले गया है। उन्हें बचाने और राहत पहुंचाने का काम जारी रहेगा। हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
सेना और एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
आर्मी, नेवी और एनडीआरएफ (NDRF) ने राहत कार्य में मोर्चा संभाल लिया है। केरल सरकार की मांग के बाद कन्नूर के एझिमाला नेवल एकेडमी की नेवी रिवर क्रॉसिंग टीम को भी राहत और बचाव कार्य में शामिल किया गया है। भारतीय मौसम विभाग ने वायनाड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने अपने अलर्ट में कहा कि क्षेत्र में भारी से भारी बारिश हो सकती है।
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अलर्ट के बीच एनडीआरएफ का कार्य
एनडीआरएफ के कमांडर अखिलेश कुमार ने कहा कि मुंडकई गांव से घायलों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। आशंका है कि लोग क्षतिग्रस्त घरों में फंसे हो सकते हैं। मंगलवार की रात तक हमने 70 लोगों को सुरक्षित निकाला। बाद में खराब मौसम और बारिश की वजह से राहत कार्य को रोकना पड़ा। लोगों को कैंपों में ठहराया गया है। कमांडर ने कहा कि बारिश का क्रम लगातार जारी है और आने वाले दिनों में भी लैंडस्लाइड की आशंका बनी रह सकती है।
केरल में हुई इस भीषण आपदा ने राज्य को हिलाकर रख दिया है।
सरकार और राहत एजेंसियों की तत्परता सराहनीय है, लेकिन इस आपदा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ हमें और भी अधिक तैयार रहने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों को देखते हुए हमें आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत है। लोगों की सुरक्षा और जीवन की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और इसके लिए हमें हर संभव कदम उठाने होंगे।
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