KC Tyagi Resign: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने (KC Tyagi) 1 सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद जदयू ने औपचारिक रूप से कहा है कि त्यागी ने व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठाया है। इसके बावजूद, पार्टी सूत्रों के अनुसार, त्यागी का इस्तीफा उनके हालिया बयानों और पार्टी लाइन से असहमति के चलते है। पार्टी ने बयान जारी करते हुए यह भी कहा कि त्यागी ने कई मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से चर्चा किए बिना बयान दिए, जिससे नेतृत्व की नाराजगी बढ़ी।
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केसी त्यागी का आधिकारिक बयान
इस्तीफे के बाद केसी त्यागी ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि वह नीतीश कुमार का साथ छोड़ने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह जदयू में सलाहकार के रूप में बने रहेंगे और नीतीश कुमार को जब भी उनकी आवश्यकता होगी, वे उन्हें बुला सकते हैं। त्यागी ने यह भी कहा कि उनका नीतीश कुमार के साथ का संबंध काफी पुराना है और उनके प्रति उनका सम्मान हमेशा रहेगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनके इस्तीफे का कारण पार्टी लाइन से असहमतियां नहीं हैं बल्कि व्यक्तिगत कारण हैं।
इस्तीफे का कारण
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केसी त्यागी के इस्तीफे के पीछे उनके बयान हैं, जिनमें उन्होंने पार्टी के विचारों से अलग रुख अपनाया। त्यागी ने विदेश नीति पर भी अपने बयान दिए, जिसमें उन्होंने इंडिया गठबंधन के नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने की अपील की थी। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार से भी इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने की मांग की और गाजा में शांति और युद्धविराम का समर्थन किया। यह बयान पार्टी नेतृत्व को पसंद नहीं आया और इसके चलते उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया।
अन्य मुद्दों पर नाराजगी
केसी त्यागी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड, वक्फ बिल, और एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भी बिना पार्टी से चर्चा किए बयान दिए थे। इन बयानों को लेकर भी पार्टी नेतृत्व की नाराजगी सामने आई। त्यागी के बयान पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर थे और उन्होंने निजी विचारों को पार्टी के विचारों के रूप में प्रस्तुत किया। इस स्थिति ने पार्टी के भीतर असंतोष को जन्म दिया और अंततः उनके इस्तीफे का कारण बना।
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नए राष्ट्रीय प्रवक्ता की नियुक्ति
जदयू महासचिव अफाक अहमद खान ने पुष्टि की है कि राजीव रंजन प्रसाद को केसी त्यागी की जगह नया राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया जाएगा। नीतीश कुमार ने हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जिनमें राजीव रंजन प्रसाद को असम की जिम्मेदारी के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी दी गई है। राजीव रंजन प्रसाद लंबे समय से जदयू से जुड़े हुए हैं और पहले भी प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2015 में उन्होंने पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस घटनाक्रम के बाद, जदयू में अंदरूनी असंतोष की अटकलें तेज हो गई हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी कैसे इन चुनौतियों का सामना करती है।