Kaushambi Accident: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी (Kaushambi) जिले के सैनी क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। गुलामीपुर के समीप खड़े ट्रेलर से एक पिकअप गाड़ी टकरा गयी, जिसमें सवार तीन कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई और 17 कांवड़िये गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बलरामपुर जिले के पिपराही और जवाहर नगर से 21 कांवड़ियों का जत्था देवघर, अयोध्या और वृंदावन मथुरा के दर्शन कर अपने घर लौट रहे थे। तभी सुबह के समय गुलामीपुर के पास पिकअप वाहन का चालक अनियंत्रित हो गया और वाहन हाईवे पर खड़े ट्रेलर से जा टकराया। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई।
घटनास्थल की स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने मौके पर तीन कांवड़ियों को मृत घोषित कर दिया। घायलों का इलाज जारी है और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंचकर पुलिस कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए और घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। हादसे में मारे गए कांवड़ियों की पहचान 60 वर्षीय मुनि प्रजापति, 65 वर्षीय फेंकूशाव और 55 वर्षीय शिवकुमारी के रूप में हुई है। सभी मृतक छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के निवासी थे। घटना की जानकारी मिलते ही डीएम मधुसूदन हुल्गी और पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
डीएम और एसपी का बयान
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने कहा, “यह एक बेहद दुखद घटना है और हम घायलों के इलाज के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।” पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव ने कहा, “हमने घटना की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इसके कारणों का पता लगाया जाएगा।” घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायलों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में सहायता की। पुलिस ने भी तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
सड़क हादसों की बढ़ती संख्या
इस तरह की घटनाएं समाज को झकझोर देती हैं और यह सवाल उठता है कि सड़क हादसों को कैसे रोका जाए। सरकार और प्रशासन को मिलकर सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि इस तरह की दुखद घटनाएं न हों। इस दुर्घटना ने कई परिवारों को गहरे दुःख में डाल दिया है। प्रशासन को चाहिए कि वे इस घटना से सीख लें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।