करवा चौथ का व्रत पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए रखती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि,इस दिन क्यों सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं? करवा चौथ के दिन महिलाएं लाल-हरी साड़ियां पहनकर 16 श्रृंगार करती हैं, आखिर क्या हैं 16 श्रृंगार का मतलब विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत ही खास होता है। क्योकि इस दिन वो अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। करवा चौथ पर सुहागन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु व स्वस्थ जीवन के लिए कामना भी करती हैं।
कौन-से श्रृंगार है करवाचौथ में जरूरी
आप सभी को पता होगा कि करवाचौथ पर 16 श्रृंगार का बहुत महत्व है। सदियों से मान्यता है कि करवाचौथ पर 16 श्रृंगार करने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। ऋग्वेद के अनुसार, सोलह श्रृंगार से न सिर्फ महिलाओं का सौंदर्य बढ़ता है बल्कि उनके भाग्य में भी वृद्धि होती है।
मेहंदी लगाना सबसे शुभ होता है
करवाचौथ के दिन मेहंदी लगाने को शुभ माना जाता है। आपको बतादे कि मान्यता है कि करवाचौथ पर मेहंदी लगाने से पति-पत्नी के बीच का प्यार बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में हर सुख की प्राप्ति होती है। करवाचौथ पर लगी मेंहदी के रंग को पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।
सुहागन महिला का सिंदूर लगाने का महत्व
हर सुहागन महिला को सिंदूर ज़रूर लगाना चाहिए लेकिन अगर कोई सुहागन किसी वजह से हमेशा सिंदूर नहीं लगाती है, तो करवाचौथ के दिन तो हर सुहागन स्त्री को सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। इससे पति की आयु लंबी होती है।
दो दिलो को बंधन में बांधता है मंगलसूत्र
पति-पत्नी के रिश्ते को जोड़ने वाला सूत्र मंगलसूत्र होता है। विवाह की रस्म मंगलसूत्र के बिना पूरी नहीं हो सकती। इसी तरह करवाचौथ पर भी सुहागन को मंगलसूत्र जरूर पहनना चाहिए। करवाचौथ पर मंगलसूत्र पहनने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। साथ ही वैवाहिक जीवन को बुरी नजर भी नहीं लगती।
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करवाचौथ और चूड़ियां का मेल सबसे अलग
करवाचौथ पर चूड़ियां पहनने से वैवाहिक जीवन धन-धान्य से संपन्न बनता है। चूड़ियां भी सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए करवाचौथ के दिन कलाइयां खाली न रखें बल्कि चूड़ियां जरूर पहनें। करवाचौथ पर लाल, हरी, पीली, मेहरुन, सुनहरी, केसरिया, गुलाबी रंगों की चूड़ियां शुभ मानी जाती हैं।
बिंदी करती है मोहित
माथे पर बिंदी लगाने से महिला का भाग्य सूर्य के समान चमक उठता है। बिंदी लगाने से नवग्रह भी शांत रहते हैं इसलिए जीवन में मंगल और सुख-शांति का वास चाहने वाली स्त्री को करवाचौथ पर बिंदी जरूर लगानी चाहिए।
बिछिया शांति के साथ साथ सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है
बिछिया भी सुहाग का प्रतीक मानी जाती है इसलिए करवाचौथ पर सुहागिन को बिछिया जरूर पहनना चाहिए। बिछिया को भाग्यवर्धक श्रृंगार माना जाता है, जिसे केवल विवाह के बाद ही पहना जाता है। करवाचौथ पर व्रती महिला को बिछिया भी जरूर पहने ।
क्या हैं इस बार करवा चौथ व्रत की तिथि, महूर्त?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को है। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर हो रही है और जिसकी समाप्ति अगले दिन 21 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगी। ऐसे में करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखेंगी।